नोएडा : जनपद में 185 टीम घर-घर खोजेंगी टीबी के मरीज

  • एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान नौ मार्च से, 92815 घरों का होगा सर्वे
  • एसीएफ में पहली बार 20 फीसदी आबादी की होगी स्क्रीनिंग

रिपोर्ट – उपेंद्र शर्मा

नोएडा। जनपद में टीबी रोगियों को खोजने के लिए नौ मार्च से एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान 22 मार्च तक चलेगा। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर में टीबी रोगी खोजेंगी। अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 185 टीम गठित की गयीं हैं, जो जनपद के करीब 92815 घरों का सर्वे करेंगी।


जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. शिरीश जैन ने बताया- विभाग द्वारा अभियान के लिए माइक्रो प्लान तैयार कर लिया गया है। उन्होंने बताया जनपद में करीब 3.71 लाख आबादी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए 92815 घरों का सर्वे किया जाएगा। 185 टीम गठित की गयीं हैं, जिसमें 555 सदस्य होंगे। हर पांच टीम पर एक सुपरवाइजर नियुक्त किया गया है, जो उनके काम पर नजर रखेगा। इस तरह 35 सुपरवाइजर नियुक्त किये गये हैं।
डा. जैन ने बताया- एसीएफ के लिए क्षेत्रों का चयन कर लिया गया है। दादरी क्षेत्र में नई आबादी, धूममानिकपुर, खेड़ा में करीब 15051 घरों में 30 टीम सर्वे करेंगी। दनकौर क्षेत्र में दनकौर नगर, रबुपुरा, जेवर में 15041 घरों में 30 टीम, ममूरा में चोटपुर कालोनी में 5021 घरों में 10 टीम, नोएडा में जेजे कॉलोनी सेक्टर पांच, आठ व नौ में 15064 घरों में 30 टीम, कासना क्षेत्र में कासना गांव, नट मंड़य्या गांव में 12585 घरों में 22 टीम, भंगेल क्षेत्र में सलारपुर, भंगेल गांव में 14995 घरों में 30 टीम और बिसरख क्षेत्र के जलपुरा, हलद्वानी कुलेसरा गांव में 15058 घरों में 30 टीम सर्वे करेंगी।


जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया शासन के निर्देश पर जनपद में इस बार अभियान के दौरान 20 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग की जाएगी। अब तक एसीएफ के दौरान केवल 10 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग की जाती थी।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया-राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के दिशा-निर्देशानुसार लैब टेक्नीशियन और एसटीएलएस स्पुटम (बलगम) की जांच माइक्रोस्कॉपी, ट्रूनेट या सीबीनॉट मशीन से करेंगे। यदि किसी व्यक्ति में टीबी के जीवाणु की पुष्टि होती है तो उसकी ब्लड शुगर, यूडीएसटी और एचआईवी की जांच कर सूचना निक्षय पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।
पुष्टि होने के 48 घंटे में रोगी का उपचार शुरू कराते हुए निक्षय पोषण योजना से लिंक किया जाएगा। इससे रोगी को बेहतर पोषण के लिए पांच सौ रुपए मिल सकेगा।


उन्होंने बताया विभाग की ओर से टीबी की जांच और उपचार निशुल्क किया जाता है।
उन्होंने बताया- घर पहुंचने पर टीम के सदस्य सबसे पहले अपना परिचय देंगे। इसके बाद परिवार के सदस्यों की संख्या, किसी भी सदस्य को 15 दिन से अधिक खांसी, खांसी के साथ बलगम या खून आना, अचानक वजन कम होना या फिर बुखार रहने संबंधी सवाल करेंगे। यदि किसी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण होंगे तो उसके बलगम की जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा- टीबी का संक्रमण रोकने के लिए मरीजों की जल्दी पहचान और जल्दी उपचार शुरू होना जरूरी है। उन्होंने-बताया वर्तमान में जनपद में टीबी के 4918 मरीज हैं, जिनका उपचार चल रहा है।

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