पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 19वीं सदी में देखा था 21वीं सदी का सपना : गौरव मिश्रा

  • शिवगढ़ में मनाई गई राजीव गांधी की पुण्यतिथि।

शिवगढ़,रायबरेली। कांग्रेस पार्टी के शिवगढ़ ब्लॉक कार्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की 31 वीं पूण्यतिथि मनाई गई। गौरतलब हो कि शनिवार को शिवली चौराहा स्थित कांग्रेस पार्टी के शिवगढ़ ब्लॉक कार्यालय में ब्लॉक अध्यक्ष एडवोकेट गौरव मिश्रा के नेतृत्व में कांग्रेसियों द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की 31वीं पुण्यतिथि मनाई गई। इस मौके पर उपस्थित कांग्रेसियों ने राजीव गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके आदर्शों, विचारों और सिद्धांतों पर चलने का संकल्प लिया।

ब्लॉक अध्यक्ष एडवोकेट गौरव मिश्रा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 19वीं सदी में 21वीं सदी के भारत का सपना देखा था। वह देश के सातवें और भारतीय इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे। वह पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने भारत में कम्प्यूटर क्रांति लाई थी। राजीव गांधी को भारत में कम्प्यूटर क्रांति लाने का श्रेय दिया जाता है, उन्होंने ना सिर्फ कम्प्यूटर को भारत के घरों तक पहुंचाने का काम किया बल्कि भारत में इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को आगे ले जाने में अहम रोल निभाया। देश की दो बड़ी टेलिकॉम कम्पनी एमटीएनएल और बीएसएनएल की शुरुआत उनके कार्यकाल के दौरान हुई थी।

उस दौर में कम्प्यूटर लाना इतना आसान नहीं था, तब कम्प्यूटर्स काफी महंगे होते थे, इसलिए सरकार ने कम्प्यूटर को अपने कंट्रोल से हटाकर पूरी तरह ऐसेंबल किए हुए कंप्यूटर्स का आयात शुरू किया जिसमें मदरबोर्ड और प्रोसेसर थे। यहीं से कम्प्यूटर्स की कीमतें कम होनी शुरू हुई। क्योंकि इससे पहले तक कम्प्यूटर्स सिर्फ चुनिंदा संस्थानों में इंस्टॉल किए गए थे। भारत में टेलीकॉम और कम्प्यूटर क्रांति में सैम पित्रोदा ने भी अहम भूमिका निभाई है।

उन्होंने लगभग दशकों तक राजीव गांधी के साथ मिलकर भारतीय इन्फॉर्मेशन इंडस्ट्री बनाने में मदद की। राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने से पहले साल 1970 में पहली बार भारत में डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स की शुरुआत हो गई थी जिसका मकसद पब्लिक सेक्टर में कम्प्यूटर डिविजन की नींव रखना था। 1978 में आईबीएम के अलावा दूसरी प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों ने भारत में कंप्यूटर बनाना शुरू किया।

एक बार पित्रोदा ने कहा भी था कि नरेंद्र मोदी ने नहीं, बल्कि राजीव गांधी ने डिजिटल इंडिया के लिए सबसे पहले काम शुरू किया था। इस मौके पर हरिशंकर तिवारी, दिनेश यादव, रामशंकर शुक्ला, रामूरावत, पराग प्रसाद रावत, रामकुमार सैनी आदि लोग मौजूद रहे।

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