Somvati Amavasya 2023: क्या है सोमवारी अमावस्या आज जानिए इस दिन क्या करें और क्या न करें

श्री डेस्क : हिंदू धर्म में अखंड सौभाग्य के लिए सोमवारी का बहुत ही बड़ा महत्व है इस माह में सोमवार के दिन अमावस्या होती है उसको सोमवारी कहा जाता है इसे सुहागिन स्त्रियां अपने अखंड सुहाग के लिए करती है और सोमवारी अमावस्या लड़कियां भी कर सकते हैं विधवा स्त्री भी कर सकती कहा जाता है कि लड़कियां सोमवारी  अमावस्या की  पूजा इसलिए करते हैं कि सोमवारी माता हमें अच्छा सुंदर सुशील और वर  प्रदान करें और हमारे सुहाग की उम्र बहुत लंबी हो और विधवा स्त्री  इसलिए करती है कि सोमवारी माता हमें इस  जन्म में विधवा होने का पाप लगा है अपने सिर पर लेकर घूम  रही हूं लेकिन हमें अगले जन्म में सुहागन ही रखना और सोमवार को व्रत और पूजा मांगलिक लड़के लड़कियां भी कर सकती है तो उन्हें मंगल दोष से मुक्ति मिलती है मांगलिक लड़कियों को सुबह 4:00 बजे उठकर  पूजा करलेना चाहिए उन्हें अपने शरीर के रोए दिखाई न पड़े कि उनका सोमवार की पूजा पूरी कर लेना चाहिए  ।

सोमवती की पूजा सामग्री जो महिलाएं पहली बार सोमवारी  हो तो उन्हें पहली बार धान पान की फेरी डालनी चाहिए  साड़ी कपड़ा  कच्चा धागा सिंगार का सारा सामान चाहिएफिर आटे के बने हुए   पुतले खिचड़ी पैसा धान चढ़ा दे जो महिलाएं पहली बार पूजा करते हैं वह धान की भी चढ़ा दे और जो पान 108 ले गई है उन्हीं की फेरी लगा  कर जब आप 108  फेरी पूरी हो जाए तो फिर बैठकर हवन करें और गौरी से  सुहाग ले सोमवारी माता को के पैर दबा  कर फिर माता से अपनी भूल चुक की  क्षमा मांगे जो भी आपने वृत पर चढ़ाया है वह   सब  नन्द या  अपनी बुआ को दे सकती है  नन्द या बुआ नहीं है तो आप किसी ब्राह्मणी को भी दे सकती है और एक बात है कि महिला सोमवारी की पूजा करती है और पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर कथा भी कहती है ।

कथा  बताया जाता है कि एक सोना  धोबिन नदी के उस पार रहती थी एक राजा के एक लड़की थी जो कि मांगलिक थी राजा ने उसका विवाह  तय किया  ब्राह्मणों ने बताया कि आप की पुत्री मांगलिक है तो राजा बहुत चिंतित  हुवे और उन्होंने इसका उपाय पंडितों से पूछा कि क्या करे  कीहमारी पुत्री को सुयोग्य वर मिले और हमारी पुत्री का सुहाग  अखण्ड हो इस का कोई उपाय बताएं तब पण्डित ने  सोना  धोबिन  नदी के उस पार रहती हैउसके घर  का सारा काम करे तो और उस समय जब सब लोग सो रहे हो कोई जान ना पाए और सोना धोबिन खुश होकर अपना सुहाग दे दे  राजा की पुत्री धोबिन के घर का सारा काम करती थी यह सब काफी दिनों तक किया एक दिन सोना धोबिन अपनी सभी बहुओं से पूछा कौन इतनी काम में तेज है कि जब हम उठते हैं तो सारा काम हो जाता है और गधे की लीद भी साफ हो जाती है तब सभी ने  इंकार कर दिया था सोना ने कहा कि आज हम देखेंगे सब कौन करता है  ।

तब राजा की लड़की से सोना धोबी ने पूछा कि हमारे घर का काम तुम क्यों करती हो तब राजा की लड़की ने बताया कि आपके  सुहाग देने से हमारा मंगल का दोष समाप्त हो जाएगा तुम अपने घर वापस जाओ और तुम अपने पिता से कहो कि शादी की तैयारी शुरू करें हम सुहाग देने आएंगे इधर राजा ने शादी की सभी तैयारियां शुरू कर दी और कह  धोबिन ने अपनी बहुओं से कहा कि अगरधोबी  को कुछ हो जाए तो  उन्हें कमरे में बंद कर देना लेकिन उनका अंतिम संस्कार मत करना की बहुओं ने कहा ठीक है और बहुओं ने वैसे ही किया धोबी की  मृत्यु हो गई उनके बेटे और बहू ने उन्हें कमरे में बंद कर दिया और सुहाग देखकर धोबिन घर वापस जा रही थी रास्ते में उसेपीपल का  वृक्ष दिखाई दिया तो उसने अपनी चुनरी को फाड़ कर उसकी परिक्रमा की  जब चुनरी का कपड़ा कम पड़ गया।

तो उसने एक घड़े की टुकड़े करके 108 की परिक्रमा पूरी की    उधर धोबी के प्राण वापस आ गए तब से अखंड सौभाग्य के लिए सोमवार सोमवार के दिन अमावस्या  पड़ने ने से सोमवारी अमावस्या की पूजा की जाती  है। आज के दिन तेल छूना नहीं चाहिए और खाना भी नहीं चाहिए।

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