यूपी में ही नही देश-विदेश में भी बज रहा केएमसी का डंका

  • यूपी में 179 केएमसी लाउन्ज,17 एमएनसीयू वार्ड संचालित
  • रंग लाई सीईएल के संस्थापक और सीईओ की मेहनत

रायबरेली। केएमसी के जादुई करिश्मे से आज यूपी में बचपन खिलखिला रहा है। केएमसी से नवजात शिशुओं का तीव्र गति से शारीरिक एवं मानसिक विकास होने के साथ ही नवजात शिशु मृत्युदर में 54 प्रतिशत कमी आई है। ज्ञात हो कि वर्ष 2003 से पूर्व देश में हाइपोथर्मिया नाम की बीमारी से लो बर्थ वेट एवं समय से पूर्व जन्मे कम वजन के अपरिपक्व नवजात शिशुओं में से अधिकांश नवजात शिशुओं की मृत्यु हो जाती थी। देश में अधिकांश नवजात शिशु मृत्यु दर की जानकारी जब अमेरिका में रह रहे डा.विश्वजीत कुमार को हुई तो उन्हे बहुत दु:ख हुआ जिसके बाद वे हाइपोथर्मिया उन्मूलन का संकल्प लेकर स्वदेश लौट आए और उन्होंने वर्ष 2003 में यूपी के रायबरेली जनपद में स्थित शिवगढ़ राजमहल,महेश विलास पैलेस में कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब सक्षम शिवगढ़ स्थापना की और उन्होंने क्षेत्र के शिक्षित बेरोजगार युवक और युवतियों को प्रशिक्षित कर कंगारू मदर केयर के माध्यम से नवजात शिशुओ का जीवन बचाने की पहल की। सामाजिक रूढ़िवादिता एवं अज्ञानता के कारण शुरुआती दौर में तो कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब टीम को काफी कठिनाइयों एवं चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

किन्तु सीईएल के संस्थापक डॉ. विश्वजीत कुमार ने हिम्मत नहीं हारी। परिणाम स्वरूप कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब टीम की मेहनत रंग लाई केएमसी के जादुई करिश्मे से नवजात शिशु मृत्यु दर में 54 प्रतिशत कमी आ गई। जिसकी जानकारी होने पर केएमसी को करीब से जानने के लिए भारतीय शोधकर्ताओं के साथ ही विदेशी शोधकर्ता कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब सक्षम शिवगढ़ आने लगे। रायबरेली जिले के शिवगढ़ क्षेत्र से शुरू हुई केएमसी क्रांति का डंका आज सिर्फ यूपी ही नहीं देश और विदेश में भी बज रहा है।

सीईएल के संस्थापक डॉ.विश्वजीत कुमार, सीईएल की सीईओ वैज्ञानिक आरती कुमार के सार्थक प्रयासों व सीईएल की वैज्ञानिक सलाह एवं तकनीकी सहयोग तथा प्रदेश सरकार व एनएचएम के समन्वित सहयोग से आज यूपी में 179 केएमसी लाउंज हैं वहीं बुलन्दशहर सहित जिलों 17 एमएनसीयू वार्ड संचालित हैं। इसके साथ ही अन्य जनपदों में एमएनसीयू को मूर्त रूप देने की तैयारियां चल रही हैं। सूत्रों की माने तो प्रत्येक जनपद में एमएनसीयू संचालित करने का लक्ष्य है।

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