प्राकृतिक एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 30 बीघे में कराया गया डेमो

  • फसल् का डिप्टी डायरेक्टर ने किया निरीक्षण ! बताए प्राकृतिक एवं जैविक खेती के लाभ
  • थाली को विषमुक्त बनाने के लिए किसान भाई करें जैविक एवं प्राकृतिक खेती : ए.के.त्रिपाठी

शिवगढ़,रायबरेली। आईपीएम (इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट) योजना के तहत क्षेत्र के किसानों को जैविक एवं प्राकृतिक खेती के प्रति प्रेरित करने के लिए क्षेत्र के देहली ग्राम पंचायत में कृषक सत्यनारायण, बदलूराम, वासुदेव वर्मा, धर्मेंद्र कुमार ,संतराम सहित 30 किसानों का चयन कर सरसों की गिरिराज आदि किस्मों पर डेमो कराया गया। जिसका जायजा लेने पहुंचे कृषि रक्षा डिप्टी डायरेक्टर ए.के.राय,जिला कृषि रक्षा अधिकारी अरुण कुमार त्रिपाठी, कृषि रक्षा इकाई प्रभारी दिलीप सोनी, एटीएम अंशू वर्मा ने खेतों में जाकर किसानों को जैविक एवं प्राकृतिक खेती के लाभ बताएं, साथ में यह भी बताया कि किस प्रकार से खरपतवार व शत्रु कीट नियंत्रण एवं जैविक कीटों की रक्षा करें। डिप्टी डायरेक्टर ए.के.राय ने बताया कि कृषक भाई सरसों की तरह ही अन्य फसलों की जैविक एवं प्राकृतिक खेती करके लागत कम करने के साथ ही कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि खेती में कम से कम रासायनिक खादों, कीटनाशकों एवं दवाओं का प्रयोग करें।

राय ने कहा कि वर्तमान समय में प्राकृतिक खेती एवं जैविक खेती की बहुत आवश्यकता है। क्योंकि भूमि पर लगातार रासायनिक कीटनाशकों तथा खाद का प्रयोग करने एवं मिट्टी को प्रतिवर्ष पलटने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। मिट्टी को स्वस्थ्य बनाने एवं उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए जैविक एवं प्राकृतिक खेती करना होगा। उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद और दवाओं के स्थान पर गोबर की खाद, जैविक खाद, नीम शास्त्र,जीवामृत, घन जीवामृत, बीजामृत, नीमायल, नीम की खली, ट्राइकोडर्मा, बेबैरिया बेसियाना, फेरोमेन ट्रैप के साथ ही की रोग एवं कीट नियंत्रण के लिए जैविक तरीकों का प्रयोग करें।

जिला कृषि रक्षा अधिकारी अरुण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि लगातार रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति क्षीण होने के साथ ही हमारी थाली विषैली हो गई है। भोजन की थाली को विषमुक्त,पोषणयुक्त बनाने के लिए प्राकृतिक एवं जैविक खेती अपनाना होगा। कृषि रक्षा इकाई प्रभारी दिलीप सोनी ने बताया कि किसानों को जैविक एवं प्राकृतिक खेती के प्रति प्रेरित करने के लिए देहली ग्राम पंचायत में 30 किसानों का चयन कर प्रत्येक किसान के एक बीघे खेत में सरसों की गिरिराज सहित अन्य किस्मों पर जैविक एवं प्राकृतिक खेती का डेमो कराया गया है। जिसमें बुवाई से लेकर कटाई तक पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य है कि डेमो को देखकर अन्य किसान भी प्राकृतिक एवं जैविक खेती के प्रति प्रेरित होंगे।

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