11 को कवि सम्मेलन, होगी काव्य रस की वर्षा

द्विवेदी मेला रायबरेली। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति न्यास की ओर से आयोजित किए जा रहे द्विवेदी मेले के तहत 11 नवंबर को फिरोज गांधी कालेज सभागार में अखिल भारतीय … Read More

सुर मंदिर और सुरों की देवी लता दीदी की शरण में 

श्री डेस्क: मुंबई में महालक्ष्मी चौक पर सरस्वती पुत्री सुर साम्राज्ञी और कई दशक तक अपनी आवाज का जादू बिखेर कर भारतीय जनमानस को आह्लादित करने वाली लता दीदी (लता … Read More

कलम – ए – दर्द कहानी | अभय प्रताप सिंह | आज की कहानी

कलम – ए – दर्द कहानी | अभय प्रताप सिंह | आज की कहानी मैं लिखना चाहता हूं , लेखक बनना चाहता हूं , और अब मैं लिखना शुरू कर … Read More

कौए / सम्पूर्णानंद मिश्र

कौए /सम्पूर्णानंद मिश्र आंसू है दु:खी कौओं की आंखों में गहरे सदमे में हैं नहीं ग्रहण किए अन्न का एक भी कण आज दरअसल‌ निरंतर निर्मम प्रहार किया गया है … Read More

जपो निरन्तर एक ज़बान, हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान | पंडित प्रताप नारायण मिश्र | जयंती विशेष

जयंती विशेष (24 सितंबर) जपो निरन्तर एक ज़बान, हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान.. भारतेंदु युग के प्रमुख स्तंभ पंडित प्रताप नारायण मिश्र की अल्प आयु में पिता की मृत्यु के चलते औपचारिक … Read More

सुनो! गौर से हिंदी वालों

हिंदी दिवस फिर आ रहा है। मनाने वाले अधिकांश लोगों को शायद ही पता हो कि हिंदी दिवस कब से मनाया जाता है और क्यों? नई पीढ़ी को हिंदी का … Read More

संविधान सभा में आज ही शुरू हुई थी हिंदी राजभाषा के प्रश्न पर बहस

 हिंदी दिवस-12 सितंबर आज 12 सितंबर है। संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा बनाए जाने के तैयार किए गए मसौदे पर आए 300 से अधिक संशोधनों पर दिलचस्प बहस आज … Read More

गीतकार परम हंस मौर्य की कविता | मेरी जरुरत लगी

गीतकार परम हंस मौर्य की कविता | मेरी जरुरत लगी मेरी खोज तो तब हुई जब मेरी जरुरत लगी वरना मै तो बेकार था। अंदर से थी नफ़रते ही नफ़रते … Read More

समय के सापेक्ष गुरुओं की महती भूमिका

सर्वविदित है कि किसी भी देश की उन्नति अथवा उसके सर्वांगीण विकास के मूल में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। या यूँ कहें कि शिक्षक देश के विकास की … Read More

निशब्द हो जाना सहसा / श्रवण कुमार पाण्डेय पथिक

निशब्द हो जाना सहसा / श्रवण कुमार पाण्डेय,पथिक शब्द होते हुये भी, सामर्थ्य होते हुए भी, निशब्द हो जाना सहसा, लगता ठीक वैसा, जैसे बच्चों के बिना, स्कूल अथवा मदरसा, … Read More