जिलाधिकारी ने लम्पी स्किन बीमारी से पशुओं को बचाने के लिए विभागों के अधिकारियों को दिये निर्देश

रायबरेली 22 अगस्त, 2022: जिलाधिकारी  माला श्रीवास्तव ने अपर मुख्य सचिव, पशुधन गृह उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार भारत के विभिन्न राज्यों में विशेषकर उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों यथा राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश आदि में गोवंशीय एवं महिष वंशीय पशुओं में लम्पी स्किन बीमारी के लक्षण पाये जाने के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश में सतर्कता बरते जाने पर बल दिया गया है।

जनपद में अन्य जनपदों से गोवंशीय एवं महिष वंशीय पशुओं के परिवहन पर पूर्णतः प्रतिबन्ध विशेषकर पश्चिमी से पूरब की ओर जा रहे पशुओं को राष्ट्रीय राजमार्ग, चेकपोस्ट/पुलों आदि पर निगरानी करते हुए पूर्ण रूप से रोक के आदेश सम्बन्धित विभाग पुलिस विभाग मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी प्रशासन, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, समस्त उपजिलाधिकारी को दिये गये है।

जिलाधिकारी ने लम्पी स्किन बीमारी से पशुओं को बचाने के दृष्टिगत तत्काल प्रभाव से विभिन्न स्थानों पर आयोजित होने वाले पशु मेलों/पशुहाट/पशु पैड विशेषकर जहॉ गोवंश/महिष वंश का क्रय-विक्रय होता है पर अग्रिम आदेशों तक पूर्ण प्रतिबंध लगाने तथा तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी को जोनल अधिकारी तथा विकास खण्ड स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी, अधिशाषी अधिकारी एवं उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को सेक्टर अधिकारी नामित कर निरंतर अनुश्रवण करने के आदेश भी दिये है।

जिलाधिकारी ने विभिन्न चेक पोस्टों पर पशुपालन विभाग के पशु चिकित्साधिकारियों/पशुधन प्रसार अधिकारियों/पशुपालन विभाग के कार्मिकों को आवश्यक सहयोग प्रदान करें तथा गोवंश/महिष वंश में लम्पी स्किन बीमारी के लक्षण जैसे-तेज बुखार, आँख नाक से पानी गिरना, पैरो में सूजन, कठोर एवं चपटी गांठ से शरीर को ढक जाना, पशुओं में नैक्रोटिक घाव, सांस लेने में कठिनाई, वजन घटना, शरीर कमजोर होना, गर्भपात अथवा दूध कम होना आदि प्रमुख लक्षण है।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 राजीव धीर द्वारा समस्त उप मुख्य/पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया है कि क्षेत्र में भ्रमण के दौरान पशुओं में उक्त लक्षण दिखने पर जनपदीय नोडल अधिकारी एल0एस0डी0 डा0 पी0एस0 निरंजन, पशु चिकित्साधिकारी मोबाइल नम्बर-8299549690 तथा ई-मेल आई0डी0 cvo.rbl@gmail.com पर त्वरित सूचना का प्रेषण किया जाये जिससे कि तत्काल आवश्यक चिकित्सा एवं प्रभावी नियंत्रण की कार्यवाही की जा सके। उन्होंने बताया है कि लम्पी स्किन बीमारी जानवरों की बीमारी है, जिसका संक्रमण मनुष्यों में नहीं फैलता है। प्रभावित पशु को स्वस्थ पशुओं से अलग करें तथा उनके आवागमन को प्रतिबन्धित कर सदैव स्वच्छ पानी पिलायें। प्रभावित पशु प्रायः 02 से 03 सप्ताह में स्वस्थ हो जाता है। दूध को उबालकर सेवन करें तथा पशु बाड़े, गौशाला, पशु खलिहान में फिनाइल/सोडियम हाइपोक्लोराइट आदि कीटाणु नाशकों का छिड़काव करें।

नोडल अधिकारी डा0 पी0एस0 निरंजन द्वारा बताया गया है कि अभी तक जनपद में विषाणु जनित रोग लम्पी स्किन डिजीज के संक्रमण एवं प्रसार के सम्बन्ध में कोई भी सूचना जनपद स्तर पर प्राप्त नहीं है तथा जनपद में संचालित 38 राजकीय पशु चिकित्सालयों में तैनात/कार्यरत पशु चिकित्सा कार्मिकों द्वारा लगातार रोकथाम, जन जागरूकता तथा प्रभावी अनुश्रवण की कार्यवाही की जा रही है।

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