वर्तमान विपक्ष कमजोर है या डरा हुआ ?

जी हां हम बात वर्तमान समय की कर रहे हैं इस समय का जो विपक्ष है वह वाकई में क्या कमजोर हो गया है ? या डरा हुआ है यह बात इसलिए कहीं जा रही है क्योंकि सार्वजनिक मुद्दों पर विपक्ष कहीं पर दिखाई नहीं देता है या यूं कहा जाए विपक्ष अपनी जिम्मेदारियों से दूर भाग रहा है । हम आपको यह भी बताएंगे कि ऐसा क्यों है क्या वाकई में यह जो बातें कही जा रही हैं वह सच है।

क्योंकि जितनी जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की होती है उतनी ही जिम्मेदारी विपक्ष की भी होती है क्योंकि जो मुख्य विपक्षी दल होते हैं उनको जनता के सार्वजनिक मुद्दों को उठाना होता है। चाहे वह बिजली हो सड़क हो रोजगार हो स्वच्छ पानी की व्यवस्था हो नहरों की सफाई हो गली मोहल्लों की सफाई हो नालियों की सफाई हो आदि दर्जनों सर्वजनिक मुद्दे हैं जिन पर लोगों की शिकायतें बनी रहती हैं ।

आम जनता को जब न्याय नहीं मिलता है तो वह उम्मीद करती है कि हमारा साथ सत्ता पक्ष नहीं दे रहा है तो विपक्ष जरूर देगा क्योंकि एक मजबूत विपक्ष ही वर्तमान सत्तापक्ष को अच्छे काम के लिए हमेशा तैयार रहने के लिए सजग रखता है अगर हम बात रायबरेली की करें तो रायबरेली में 6 में से 4 सीटें मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के पक्ष में गई हैं और जो 2 सीटें सत्ता पक्ष यानी भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में गई हैं वह भी मामूली अंतर से जीतने में सफल रहे हैं तो जनता ने विपक्षी पार्टी को पूरा सहयोग एवं समर्थन दिया है तो इसलिए विपक्षी दल की जिम्मेदारी भी अहम हो जाती है क्योंकि जनता उम्मीद लगाए रहती है लेकिन वर्तमान समय में ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा।

विपक्ष का गैर जिम्मेदाराना रवैया

यहां पर हम बात कर रहे हैं सार्वजनिक मुद्दों की यानी बिजली पानी और सड़क की साथ में रोजगार की और ऐसे ही कई मुद्दों की जिनको लेकर आम जनता काफी मौकों पर परेशान रहती है यूं तो सरकार ने इसके लिए अधिकारियों की नियुक्त कर रखी है एक लंबी चौड़ी वरिष्ठ अधिकारियों की फेयरिस्त है लेकिन फिर भी कई बार ऐसा होता है की जनता को अपने विकास के मुद्दों पर काफी परेशानी उठानी पड़ती है जिसके लिए उसे भटकना भी पड़ता है अगर सार्वजनिक मुद्दों को विपक्ष समय-समय पर उठाता रहता है तो जनता को भी से काफी राहत मिलती है।

2012 मैं विपक्ष की भूमिका सराहनीय रही

अगर हम कुछ पीछे चले जाते हैं तो हमें जरूर यह देखने को मिलता है की विपक्ष की भूमिका पहले जैसी अब नहीं दिखाई देती है जब उत्तर प्रदेश में 2007 से 2012 तक बहन कुमारी मायावती की सरकार बनी तब भी मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ही रही सार्वजनिक मुद्दों पर विधानसभा से लेकर सड़क तक विरोध प्रदर्शन होते रहे कार्यकर्ताओं के सर भी फूटे और उनके ऊपर मुकदमे भी लिखे गए कार्यकर्ता और नेता जेल भी गए इसी का असर रहा कि 2012 में जनता ने समाजवादी पार्टी को पूर्ण बहुमत से सत्ता में बैठाया लेकिन वहीं मुख्य विपक्षी दल आज अपनी जिम्मेदारियों से दूर क्यों भाग रहा है यह समझ से परे है।

2012 से 2017 तक विपक्ष की भूमिका रही सराहनीय

2012 मैं जब समाजवादी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी और उन्होंने अपना कामकाज चालू किया समय-समय पर सार्वजनिक मुद्दों को लेकर महंगाई को लेकर सड़क बिजली पानी आदि मुद्दों को लेकर मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा से लेकर जिला मुख्यालयों तक समय-समय पर प्रदर्शन किया एवं मांगों को लेकर धरने दिए जिससे कई बार सत्ता पक्ष भी मजबूर होकर उन मुद्दों को प्राथमिकता के तौर पर करता हुआ नजर आया और यही कारण रहा की 2017 के आम चुनाव में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी लेकिन 2017 के बाद मुख्य विपक्षी दल सार्वजनिक मुद्दों को उच्च स्तर पर नहीं उठा पाए जिससे कि जनता को भी यह लगे कि यह पार्टी हमारे विकास के लिए कितना तत्पर है यही कारण रहा कि 2022 के आम चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी ने एक बार पुनः पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई।

आखिर विपक्ष क्यों है इतना गैर जिम्मेदार

अगर हम बात रायबरेली जनपद की ही करें तो यहां पर एक पूर्व कैबिनेट मंत्री हैं एक विधायक कई बार के विधायक हैं तो एक विधायक पूर्व कैबिनेट मंत्री के लड़के हैं यानी कि परिपक्व राजनैतिक व्यक्ति हैं फिर भी किसी भी सार्वजनिक मुद्दे पर किसी भी मंच पर सत्ता पक्ष का विरोध करते हुए नहीं देखे जाते हैं हाल ही में बिजली की समस्या खासकर कर गांव में काफी गंभीर रही उसका कारण चाहे जो रहा हो लेकिन केवल पत्रों के माध्यम से सोशल मीडिया पर ही सक्रिय नजर आए हैं हकीकत यह है कि यह लोग जमीन पर नजर ही नहीं आते हैं और कार्यकर्ता दिन-ब-दिन आस लगाए बैठे रहते हैं कि हमारे नेता जी कब प्रतिनिधित्व करेंगे और हम सार्वजनिक मुद्दों को लेकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे इसके पीछे क्या कारण है जो सार्वजनिक मुद्दों पर यह लोग कभी भी सामने नहीं आते क्योंकि जनता ने इनको अपना बहुमूल्य वोट दिया है इसलिए कि हमारी समस्याओं पर यह लोग हमेशा आगे आएंगे लेकिन फिलहाल मुख्य विपक्षी दल अपनी जिम्मेदारियों से दूर भागता हुआ दिखाई देता है ऐसा प्रतीत होता है।

 

 

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