महंगाई ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, गरीब की जेब पर डाल रही डाका

बढ़ती महंगाई गरीब की जेब पर लगातार डाका डालने का काम कर रही है। आम आदमी के ऊपर महंगाई की मार लगातार बढ़ती जा रही है। कभी रसोई गैस की कीमतों में इजाफा हो रहा है तो कभी सीएनजी और पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ रहे हैं। गरीब की थाली से सब्जी और दाल और बच्चों की बोतल से दूध गायब हो रहा है। इन सबके बीच थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 15.08 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। यह तेजी खाद्य वस्तुओं से लेकर जिंसों तक के महंगा होने की वजह से हुई। डब्ल्यूपीआई आधारित मुद्रास्फीति मार्च में 14.55 फीसदी और पिछले साल अप्रैल में 10.74 फीसदी थी।

आंकड़ों के मुताबिक और वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार , अप्रैल 2022 में मुद्रास्फीति की ऊंची दर मुख्य रूप से खनिज तेलों, मूल धातुओं, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, खाद्य वस्तुओं, गैर-खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों, रसायनों और रासायनिक उत्पादों आदि की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण हुई। डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल से लगातार 13वें महीने दोहरे अंक में बनी हुई है। समीक्षाधीन माह में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 8.35 प्रतिशत थी।

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