श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का केंद्र बनी बाबा बनवारी दास की कुटी
- गत वर्षो की भांति आज 6 जनवरी को आयोजित होगा विशाल भण्डारा
शिवगढ़,रायबरेली। क्षेत्र के ग्राम पंचायत पिपरी स्थिर बनवारी दास बाबा की पावन कुटी श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का केंद्र बनी हुई है। जहां हर साल की तरह आज 6 जनवरी को विशाल भण्डारा आयोजित किया जाएगा। जिसमें 15 से 20 हजार श्रद्धालुओं के प्रसाद ग्रहण करने का अनुमान लगाया जा रहा है। मंदिर के पुजारी पंडित कालिका प्रसाद ने बताया कि भण्डारे की सारी तैयारियां पूर्ण कल ली गई है।
मान्यता :
मान्यता है कि बनवारी दास बाबा की कुटी के स्थान पर कभी एक घना जंगल था जहां लोग रात में जाना तो दूर दिन में जाने में कतराते थे। जहां बरगद के पेड़ के नीचे बनवारी दास बाबा तप किया करते थे। इसकी जानकारी जब ग्रामीणों को हुई तो ग्रामीणों ने बाबा की कुटी में आना-जाना शुरू कर दिया। भला होने पर भक्तों द्वारा कुटी में एक मन्दिर का निर्माण कराया गया। जहां बाल ब्रम्हचारी बाबा बनवारी दास हमेशा भक्ती में लीन रहते थे। जो एक दिन में सिर्फ एक श्रद्धालु का ही लाया गया सीधा ग्रहण करते थे,बाकी सीधा वापस कर देते थे। जो श्रद्धालु कुटी में पहले आनाज इत्यादि सामग्री लेकर आ जाता था उसी से ही वह प्रसाद तैयार करके श्रद्धालुओं को भोजन कराने के बाद ही प्रसाद ग्रहण करते थे। उनके आश्रम की सबसे बड़ी बात ये थी कि जब वे श्रद्धालुओं को प्रसाद देते थे तो कभी उनके पात्र में भोजन कम नही पड़ता था। वहीं मान्यता है कि एक दिन बनवारी दास बाबा किसी भक्त यहां गये थे। रात में उन्होंने अपनी अंतर्दृष्टि से देखा कि चोर कुटी में चोरी कर रहा है। जिसकी जानकारी उन्होंने अपने भक्तों को देते हुए रात में ही कुटी के लिए चल पड़े। जब बनवारी दाब बाबा वापस लौटकर आये तो देखा चोर घंटा खोलने आया था जो घंटा खोलते समय घण्टे में ही चिपक गया। ये नजारा देखकर बनवारी वीर बाबा प्रभु की महिमा समझ गये। जिनके क्षमा करने के पश्चात चोर घण्टे से छूट सका। चोर ने बाबा के चरणों में गिरकर क्षमा मांगी और बाबा का अराध्य भक्त बन गया। बताते हैं कि बनवारी दास बाबा ने जिन्दा समाधि ली थी। कई वर्ष पूर्व बॉलीवुड के मशहूर कलाकारों ने जिनकी महिमा पर आधारित एक एल्बम ही बनाया है, जिसके गाने सुपरहिट रहे।
क्या कहते हैं श्रद्धालु…
बाबा के परम भक्त एवं पिपरी ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान पंडित नन्दकिशोर तिवारी बताते हैं कि बाबा के स्मरण मात्र से भक्तों के हर बिगड़े काम बन जाते हैं।
अकेलवा घर के रहने वाले राकेश बाबू तिवारी का कहना है कि बाबा के आशीर्वाद से ही ग्रामीण अपने शुभ कार्यों की शुरुआत करते हैं।
बाबा के भण्डारे में हर साल 5 कुन्तल बूंदी का दान करने वाले ढेकवा गांव के ओम प्रकाश मिश्रा बताते हैं कि बाबा की कृपा से उनके पास आज किसी प्रकार की कमी नहीं है।
दामोदर के रहने वाले केतार पासी, शिवली के रहने वाले वीरेंद्र सिंह का कहना है कि बाबा की कुटी में सच्चे मन से आने से भक्तो की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी