महिला कर्मचारियों के साथ भेदभाव करना Google को पड़ा भारी, अब देने पड़ेंगे 118 मिलियन डॉलर

Google पर 15,500 महिला कर्मचारियों के साथ लिंग भेदभाव (Gender Discrimination) करने की वजह से $118 (लगभग 923 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगा है। कंपनी पर इन महिला कर्मचारियों को लिंग भेदभाव की वजह से कम सैलरी देने का केस रजिस्टर्ड किया गया था, जिसपर फैसला आया है।

बता दें, कोर्ट ने गूगल से इंडिपेंडेंट लेबल इकोनिमिस्ट रखने के लिए कहा है, जो कंपनी की हायरिंग प्रैक्टिस और पे इक्विटी की स्टडी करेंगे। दरअसल गूगल के खिलाफ अमेरिका में एक केस दर्ज किया गया था। यह केस में तकरीबन 15500 महिलाओं के नौकरी में समान पद पर रहने के बावजूद कम सैलरी देने का केस दर्ज किया गया था। 14 सितंबर 2013 से केली एलिस ,होली पीस, केली विसूरी और हेदी लेमर कैलिफोर्निया में गूगल के लिए काम कर रही हैं।

पुरुष और महिला के बीच भेदभाव का यह केस 2017 में दर्ज किया गया था। जिसमे कहा या था कि गूगल को भी स्वतंत्र श्रम अर्थव्यवस्था को नौकरी देने के लिए लागू करना होगा। कोर्ट ने गूगल से स्वतंत्रत श्रम इकोनॉमिस्ट रखने को कहा है, ताकि कंपनी में भर्ती की प्रक्रिया और इक्विटी की स्टडी हो सके। बता दें कि यह पहला मामला नहीं है जब गूगल के खिलाफ इस तरह का केस हुआ है। इससे पहले कंपनी को 2.5 मिलियन डॉलर का समझौता करना पड़ा था। एक महिला इंजीनियर ने कम सैलरी देने का केस दर्ज कराया था।

कैलिफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ फेयर एम्पलॉयमेंट एंड हाउसिंग भी गूगल के खिलाफ महिलाओं को कम सैलरी देने के केस की जांच कर रहा है। गूगल के खिलाफ शिकायत करने वाली होली पीज ने कहा कि महिलाएं अपना पूरा करियर किसी कंपनी को देती हैं, लेकिन उन्हें समान सैलरी केस के जरिए मिल पा रही है।

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