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रायबरेली नगर पालिका के उम्मीदवारों की एक झलक

रायबरेली : जी हां हम बात कर रहे हैं नगर पालिका रायबरेली के चुनाव में उतरे प्रत्याशियों की वैसे तो पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं लेकिन इसके साथ सवाल भी कई खड़े हो गए हैं मूल कार्यकर्ताओं का कोई महत्व अब राजनीतिक पार्टियों में नहीं रहा ना ही उनकी राय ली जाती है ना ही उनको यह अधिकार है कि वह किसी चुनाव में लड़ने की हैसियत ही रखते हो।

 

भाजपा प्रत्याशी शालिनी कनौजिया

भारतीय जनता पार्टी ने रायबरेली नगर पालिका परिषद से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है भाजपा ने डॉक्टर बीरबल की पत्नी शालिनी कनौजिया को मैदान में उतारा है जबकि लोग यह कयास लगा रहे थे कि पुराने निष्ठावान कार्यकर्ता बुद्धि लाल पासी को टिकट दी जाएगी लेकिन कुछ दिन पहले पार्टी में शामिल हुई शालिनी कनौजिया को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है इससे यह साफ जाहिर होता है कि अब राजनीतिक दलों में मूल कार्यकर्ता से ज्यादा मूलधन का महत्व बढ़ गया है भाजपा प्रत्याशी की बात की जाए तो उनकी पहचान सिर्फ डॉ बीरबल की पत्नी के रूप में की जाती है जोकि सरकारी महकमे में डॉक्टर हैं और साथ में एक बड़ा नर्सिंग होम संचालित करते हैं ना तो उनका राजनीति कोई जुड़ाव रहा है ना ही समाज सेवा से क्योंकि यहां पर एक बार और सामने आती है वह यह कि अगर कोई सामाजिक व्यक्ति या राजनीतिक व्यक्ति चुनाव जीत कर आता है तो जनता से जुड़ा होता है लेकिन अगर दूसरों के सहारे चुनाव जीतने की जुगत में है तो निश्चित तौर से इसमें जनता का भला कम ही होने की उम्मीद है क्योंकि पिछले 5 साल के कार्यकाल से नगर पालिका रायबरेली की जनता संतुष्ट कतई नहीं दिखती है जनता है सब जानती है और फैसला भी उसे ही करना है अपनी अपनी ताकत सभी लगाएंगे लेकिन फैसला तो जनता को ही करना है

 

सपा प्रत्याशी पारसनाथ

 

रायबरेली नगर पालिका में समाजवादी पार्टी की तरफ से पारसनाथ को टिकट दिया गया है वैसे अगर कहा जाए तो पारसनाथ पिछले 2 चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उनकी कोई चर्चा नहीं थी ना कोई ऐसी पहचान है जनता के बीच में जिससे वह जाने जाते हैं लेकिन यहां हर मंच पर यह कहते हुए पूर्व मंत्री तथा ऊंचाहार के विधायक मनोज पांडे ने पारसनाथ को एक जमीनी कार्यकर्ता बताया है विकास की गंगा बहाएंगे ऐसा नारा भी दिया है उन्होंने यह भी कहा कि अब तक जब हम नगरपालिका अध्यक्ष थे तब ही नगर पालिका में काम हुआ उसके बाद कोई काम विशेष तौर से नहीं हुआ है पारसनाथ को टिकट मिलने के बाद सपा दो धड़ो में बट गई है पूर्व चेयरमैन मोहम्मद इलियास उर्फ मनी अपने तमाम कार्यकर्ताओं के साथ नाराज होकर कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं और साथ में यह भी उन्होंने दावा किया है कि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी की जमानत जप्त करा देंगे क्योंकि पारसनाथ को जिताने के पीछे भी एक वजह है ऐसा व्यक्ति अध्यक्ष बनाया जाए जो कि पूरी तरीके से अपनी मुट्ठी में हो वैसे देखा जाए जो कि सपा दावा कर रही है की जातीय समीकरण के आधार पर चुनाव बड़े अंतर से जीतेंगे लेकिन पहले अपनी ही पार्टी के बगावत को रोकने में अगर सपा सफल होती है तो निश्चित तौर से चुनाव में वह मजबूती से लड़ पाएगी क्योंकि जनता सिर्फ विकास चाहती है और यह बात अगर सपा समझाने में कामयाब हो जाती है तो जनता अपना फैसला ले सकती है लेकिन जनता के फैसले पर ही शहर का अध्यक्ष चुना जाएगा

 

कांग्रेस प्रत्याशी शत्रुघ्न सोनकर

 

अगर कांग्रेस प्रत्याशी शत्रुघ्न सोनकर की बात की जाए तो वह एक जमीनी कार्यकर्ता पिछले तमाम सालों से कांग्रेश के साथ निष्ठा से काम कर रहे हैं सोनकर बिरादरी शहर में भारी संख्या में है उनके बीच में भी उनकी अच्छी पैठ है क्योंकि अब उनको पूर्व चेयरमैन मोहम्मद इलियास पूर्व मनी का भी साथ मिल गया है तो ऐसे में अगर पूरी कांग्रेश एकजुट होकर यह चुनाव लड़ती है तो निश्चित तौर पर नगर पालिका अध्यक्ष के पद पर अपना परचम फहरा सकती है क्योंकि पिछला चुनाव भी कांग्रेस ने ही जीता था लेकिन यहां पर एक बात और साफ तौर पर देखी जा रही है कि कांग्रेस का अपना कोई बेस वोटर नहीं है पूर्व चेयरमैन मोहम्मद इलियास अपने समुदाय के कितने लोगों को अपने साथ जोड़ पाते हैं इसका भी फायदा कांग्रेस को मिलेगा अगर बड़ी संख्या में पूर्व चेयरमैन के कम्युनिटी के लोग कांग्रेसका साथ देते हैं तो कांग्रेस प्रत्याशी शत्रुघ्न सोनकर सब पर भारी पड़ सकते हैं लेकिन जमीनी हकीकत जनता जानती है जनता ने अगर शत्रुघ्न सोनकर के लिए अपना मन बना लिया तो एक साधारण सा कार्यकर्ता निश्चित तौर से नगर पालिका रायबरेली का अध्यक्ष बन सकता है

 

जे आर बाडले बसपा प्रत्याशी

 

जगजीवन राम बाडले वैसे तो मूल रूप से बसपा के कैडर कार्यकर्ता हैं वह 2 विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं एक बार सलोन विधानसभा से तथा एक बार बछरावां विधानसभा से उन्होंने चुनाव लड़ा लेकिन उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा और पिछले कुछ दिनों से पार्टी के कार्यक्रमों में भी सक्रिय कम ही दिखाई देते हैं लेकिन बहन कुमारी मायावती ने उन पर विश्वास दिखाते हुए अपने एक कार्यकर्ता को नगर पालिका अध्यक्ष के लिए चुनाव में उतारा है वैसे बसपा प्रत्याशी बहुत ही साधारण घर से आते हैं और उन्होंने संघर्ष करके राजनीति में अपनी एक पहचान बनाई है अगर चुनावी गणित की बात की जाए तो बसपा का बेस वोटर अगर बसपा प्रत्याशी के साथ आ जाता है तो बसपा भी अच्छी टक्कर दे सकती है लेकिन कुछ दिनों से बसपा का बेस वोटर इधर उधर भटक गया है उसको जोड़ने का काम बसपा प्रत्याशी को करना होगा अगर ऐसा करने में बसपा प्रत्याशी जेआर बाडले सफल होते हैं तो चुनाव में एक अच्छी टक्कर देखने को मिल सकती है वैसे जनता एक छोटे व्यक्ति को अगर नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव जीत आती है तू वह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा वह तो जनता के मूड की बात है जनता जिसे चाहेगी उसे गद्दी पर बिठाए चाहे उसके लिए एक राजा हो या एक भिखारी का बेटा

 

पूनम किन्नर आम आदमी पार्टी

 

यहां पर अगर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी पूनम किन्नर की बात की जाए तो पिछले चुनाव में भी सम्मानजनक वोट पूनम किन्नर को मिली थी तब वह एक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही थी इस बार भी वह आम आदमी पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ रही है आम आदमी पार्टी का वैसे अभी यहां पर कोई विशेष वजूद नहीं है लेकिन अगर पूनम किन्नर पिछले चुनाव को देखते हुए अगर इतनी वोट भी पा जाती हैं तो जीतेंगे तो नहीं लेकिन वह कई मठाधीश ओ को हार का स्वाद जरूर चखा सकने में सक्षम है क्योंकि पूनम किन्नर अब नगर पालिका रायबरेली के लिए जाना पहचाना चेहरा बन चुकी हैं और सभी लोग उनको व्यक्तिगत रूप से जानते ही हैं खास करके छोटी बस्ती और दलित बस्तियों में उनकी अच्छी खासी पकड़ देखी जा रही है समीकरण को बिगाड़ने में पूनम किन्नर का अहम योगदान इस नगर पालिका के चुनाव में देखा जा सकता है।

 

सभी विश्लेषण रिकॉर्ड के आधार पर सूत्रों के हवाले से

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