पात्र होते हुए भी मनीषा सैनी के परिवार को नहीं नसीब हो सकी पक्की छत, जिम्मेदार लापरवाह

रिपोर्ट – अंगद राही

  • 8 वर्षों से तिरपाल तानकर रह रहा पीड़ित परिवार

शिवगढ़,रायबरेली। जहां एक ओर केंद्र एवं राज्य सरकार गरीब एवं जरूरतमंदों को पक्की छत मुहैया कराने को लेकर संकल्पबद्ध है तो वहीं जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते गरीब एवं पात्रों को पक्की छत नसीब नहीं हो पा रही है। गरीबों एवं पात्रों को आवास के लिए ग्राम प्रधान की चौखट से लेकर ग्राम पंचायत सचिव और खण्ड विकास अधिकारी की चौखट तक गणेश परिक्रमा करनी पड़ रही है।

आवास के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यालय के चक्कर काटते-काटते गरीब पात्रों के पैरों की खाल तो घिस जाती है किंतु उन्हें पक्की छत नसीब नहीं हो पाती। ताजा मामला ग्राम पंचायत शिवली का है गौरतलब हो कि शिवगढ़ क्षेत्र के पूरे मालिन मजरे शिवली की रहने वाली मनीषा सैनी पत्नी रघुनाथ सैनी पिछले 8 वर्षों से दूसरे की दीवार के सहारे तिरपाल तानकर किसी तरह गुजर बसर कर रही हैं। तिरपाल के नीचे अपने पति रघुनाथ सैनी, 4 वर्षीय बेटी सृष्टि, डेढ़ वर्षीय बेटी दिव्या के साथ रहकर किसी तरह जीवन यापन कर रही मनीषा ने बताया कि उनके परिवार की जीविका का साधन मात्र चाट की ठेलिया है।

उसके पति रघुनाथ सैनी चाट की ठेलिया लगाते हैं जिसके सहारे उनका परिवार चल रहा है। आलम यह है कि कभी-कभी कई दिन तक मौसम खराब होने पर बोहनी तक नहीं होती ऐसी स्थिति में उनके परिवार को उपवास तक करना पड़ जाता है। उनके परिवार की स्थिति रोज कुंआ खोदने और रोज पानी पीने जैसी है। एक-दो दिन पति चाट की ठेलिया न लगाएं तो परिवार को खाना ना नसीब हो। रघुनाथ सैनी ने बताया कि धूप हवा और बारिश के चलते हर तीसरे चौथे महीने तिरपाल फट जाती है।

हजारों रुपए खर्च करके हर बार नई तिरपाल लाकर छाया करनी पड़ती है। आलम यह है कि तेज आंधी और तूफान के आने पर कपड़े और बिस्तर बचाना मुश्किल हो जाता है। तेज बारिश होने पर छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर किसी तरह रात काटनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि आवास के लिए पिछले 7 वर्षों से दौड़ रहे हैं किंतु किसी ने उनकी पीड़ा नही सुनी, अब तो ईश्वर ही उनके परिवार का मालिक है। रघुनाथ सैनी ने बताया कि उसकी इतनी आमदनी भी नहीं है कि बांस-बल्ली और टीन खरीद कर परिवार के जीवन यापन के लिए टीन सेट रख सके।

इस बाबत जब खण्ड विकास अधिकारी मलिक मसूद अख्तर से बात की गई तो उनका कहना था कि मामला संज्ञान में नहीं था जांच कराई जाएगी,अभी तक क्यों आवास नहीं मिला। यदि आवास सूची में नाम है तो आवास दिलाया जाएगा।

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