एचआईवी/एड्स की रोकथाम के लिए समुदाय स्तर पर जागरूकता जरूरी

रिपोर्ट – उपेन्द्र शर्मा 

  • एचआईवी/एड्स की रोकथाम के लिए समुदाय स्तर पर जागरूकता जरूरी
  • मजबूत नेतृत्व के साथ सही मायने में धरातल पर करें काम, तभी आएंगे सार्थक परिणाम : हेकाली झिमोमी
  • राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की वार्षिक कार्ययोजना बैठक में देशभर के प्रतिनिधियों ने लिया भाग

 

ग्रेटर नोएडा, 26 नवम्बर 2022। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन ( नाको) के तत्वावधान में शनिवार को स्थानीय एक होटल में देशभर के स्टेट एड्स प्रीवेन्शन एंड कंट्रोल सोसायटीज व डिस्ट्रिक्ट एड्स प्रीवेन्शन एंड कंट्रोल सोसायटीज के प्रोजेक्ट डायरेक्टर की बैठक हुई। बैठक में एचआईवी/एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की सालभर की कार्ययोजना तैयार की गयी।

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की अपर सचिव एवं महानिदेशक वी. हेकाली झिमोमी ने कहा –एचआईवी/ एड्स की रोकथाम के लिए समुदाय स्तर तक जागरूकता पैदा करना जरूरी है। यह तभी संभव है जब संगठन स्तर पर मजबूत नेतृत्व के साथ धरातल पर काम होगा। उन्होंने कहा –एचआईवी/एड्स नियंत्रण के लिए किये जा रहे सभी कार्यक्रमों के सार्थक परिणाम आने चाहिये। उन्होंने कार्यक्रम की सफलता के लिए मुख्य चार बिंदुओं पर जोर दिया। पहला मजबूत नेतृत्व, दूसरा तंत्र की मजबूती, तीसरा आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन एवं चौथा सही ढंग से प्रचार प्रसार व जागरूकता। उन्होंने कहा -लोग एचआईवी और एड्स पर बात करने में झिझकते हैं, यह गलत परम्परा है। हमें अपने बच्चों तक से एचआईवी, एड्स और यौन संचारित रोग जैसे मुद्दों पर बात करनी चाहिए। एड्स पर निंयंत्रण के लिए समुदाय में जागरूकता होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा हमें देखना होगा कि हम कैसे युवाओं तक अपनी पहुंच बढ़ाएं ।

उन्होंने कहा –एचआईवी/एड्स नियंत्रण के लिए मरीजों की पहचान होना जरूरी है। इसके लिए संभावित ज्यादा से ज्यादा लोगों के टेस्ट होने चाहिए। जितने ज्यादा लोग इस बीमारी के बारे में जानेंगे उतनी तेजी से इस पर नियंत्रण होगा। उन्होंने कहा राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन द्वारा किये गये प्रयासों के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के काफी अच्छे परिणाम हैं। कुछ राज्यों में अभी और ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने सभी अधिकारियों से अपील की कि वह धरातल (फील्ड) पर अधिक से अधिक काम करें। संगठन के काम दिखने चाहिए। कार्य प्रणाली सुगम होनी चाहिए और प्रभावितों तक ज्यादा से ज्यादा पहुंच होनी चाहिए। हर स्तर पर अपने काम की समीक्षा भी होनी जरूरी है, ताकि यह पता चल सके कि हमारे द्वारा किये गये कार्यों के क्या परिणाम आये हैं।

नाको की निदेशक निधि केसरवानी ने रणनीति बनाकर कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा – हमें शांत नहीं बैठना है। हमारे काम के परिणाम सामने आने चाहिए। किस तरह समस्या का समाधान निकले इस पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा –स्वास्थ्य क्षेत्र में काम कर रहीं संस्थाओं के साथ काम करने की जरूरत है। एचआईवी/एड्स टेस्ट, स्क्रीनिंग होना जरूरी है। उन्होंने कहा सभी दिल से और धरातल पर काम करें। उन्होंने कहा हमें 95 प्रतिशत सफलता का लक्ष्य हासिल करना है। किसी भी हालत में रुकना नहीं है। यह तभी संभव होगा जब अपने अनुभवों के आधार पर टीम भावना के साथ काम करेंगे।

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की अपर महानिदेशक डा. चिन्मई दास ने एचआईवी/एड्स की उत्पत्ति, एड्स रोकथाम के लिए अबतक किये गये प्रयासों और उसके परिणामों पर विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम में यूपी एड्स कंट्रोल सोसायटी की परियोजना निदेशक अमृता सोनी राज्य के मुखिया के रूप में सम्मिलित हुईं। उन्होंने अपने विचार रखे और आगे की कार्य योजना विशेष रूप से संपूर्ण सुरक्षा योजना, दिशा प्रोजेक्ट पर गंभीरता पूर्वक कार्य किए जाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सभी आगंतुकों का उत्तर प्रदेश आगमन पर धन्यवाद ज्ञापित किया और राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के पांचवें चरण मे बेहतर कार्य किए जाने और नाको भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य प्राप्ति की प्रतिबद्धता दोहराते हुए सभी को अग्रिम शुभ कामनाएं दीं। इस अवसर पर यूपी एड्स कंट्रोल सोसायटी के अपर परियोजना निदेशक डॉ. हीरा लाल सहित देश भर के प्रतिनिधि शामिल हुए। उपमहानिदेशक नाको डा. उदय भानुदास ने अतिथियों का स्वागत किया और बैठक की रूपरेखा के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालत डा. साईं प्रसाद भावसर और डा. भावना राव ने किया।

 

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