जीवन की वास्तविकता को आईना दिखाता है काव्य संग्रह ‘दर्पण’- रमेश बहादुर सिंह

  • मनुष्य को लक्ष्य की ओर प्रेरित करती हुई कविताओं का संग्रह है ‘दर्पण’- डॉ. बीना तिवारी
  • काव्य संग्रह दर्पण का एसजेएस में हुआ विमोचन
  • चैयरमैन रमेश बहादुर सिंह ने किया किताब का विमोचन

रायबरेली। एसजेएस पब्लिक स्कूल में शिक्षिका कल्पना अवस्थी द्वारा लिखित काव्य संग्रह ‘दर्पण’ का विमोचन किया गया। एसजेएस ग्रुप ऑफ स्कूल के चेयरमैन रमेश बहादुर सिंह ने शनिवार को स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम में काव्य संग्रह ‘दर्पण’ का विमोचन किया।

बुक रिवर पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित काव्य संग्रह में मनुष्य को लक्ष्य की ओर प्रेरित करती हुई, जीवन मे उत्साह भर देने वाली व मानव जाति को प्रेम का संदेश देने वाली 45 कविताओं का संकलन है। काव्य संग्रह में आजमाइश, कीमत, तिरंगा, अधूरापन, नसीब,उलझन व बेपनाह शीर्षक से 45 कविताएं हैं जो जीवन में उत्साह और प्रेम भरती है व मनुष्य को लक्ष्य की ओर प्रेरित करती हैं।

पुस्तक का विमोचन करते हुए एसजेएस ग्रुप ऑफ स्कूल के चेयरमैन रमेश बहादुर सिंह ने कहा कि गर्व का विषय है कि स्कूल में एक शिक्षक होने के साथ-साथ इन्होंने लेखन का काम जारी रखा और आज उनकी किताब छप कर आ चुकी है। उन्होंने कहा कि शिक्षिका कल्पना महज एक कल्पना ही नहीं बल्कि एसजेएस की वास्तविकता है।

स्कूल की तरफ से शिक्षिका कल्पना अवस्थी को सम्मानित करते हुए प्रधानाचार्य डॉ बीना तिवारी ने कहा कि हम सब के लिए गर्व का विषय है हिंदी शिक्षिका होने के साथ-साथ कल्पना अवस्थी लेखन से भी जुड़ी हुई है निश्चित तौर पर विद्यार्थियों को इनसे प्रेरणा मिलेगी और वे साहित्य की ओर नए मुकाम तलाशेंगे।

स्कूल में हिंदी की शिक्षिका कल्पना अवस्थी ने कहा कि चेयरमैन सर मेरे रोल मॉडल है और उन्होंने आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। इसके अलावा प्रधानाचार्य डॉ बीना तिवारी जी ने हमेशा मेरा सहयोग किया। मेरे सहयोगी शिक्षक विनय सिन्हा जी, रमेश पांडे जी, संजीव द्विवेदी, पमा मलिक मैडम और मंजीत कौर मैडम ने भी हमेशा मेरा हौसला बनाए रखा। मुझे गर्व है कि मैं जीएस की शिक्षिका हूं। अध्यापन के साथ-साथ साहित्य लेखन थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन मेरे परिवार और सहकर्मियों ने हमेशा हौसला बनाए रखा। जीवन मे तमाम झंझावात आए लेकिन घर ,स्कूल, लेखन व अध्यापन के बीच सामंजस्य बनाये रखा और कभी खुद का हौसला टूटने नही दिया।

सहयोगी शिक्षिका और ‘लघु कथाएं’ की लेखिका पमा मलिक ने कहा की कल्पना अवस्थी एक शिक्षिका होने के साथ-साथ एक बेहतरीन कवियत्री है उन्होंने कहा कि यह जितना अच्छा पढ़ाती है उतना ही अच्छा इनका लेखन है। एसजेएस पब्लिक स्कूल में हिंदी की शिक्षिका कल्पना अवस्थी हिंदी विचार नेट की पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर चुकी है लंबे समय से स्कूल में अध्यापन से जुड़ी हुई है। कार्टून का संचालन शिक्षिका जिया कौसर और कुलसुम ने किया।

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