फाइलेरिया को मिटाने के लिए दवा जरूर खाएं – अधीक्षक

रिपोर्ट – दिवाकर तिवारी

खीरों, रायबरेली। क्षेत्र में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से घर घर जाकर लोगों को फाइलेरिया बीमारी के विषय में जागरूक करते हुए इसकी रोकथाम के लिए दवा खिलाने का काम किया जा रहा है। गुरूबक्शगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत भीतर गांव निवासी एक युवक के अनुसार फाइलेरिया की दवा खाने के बाद उसे कुछ दिक्कत महसूस हुई।

जानकारी होने पर आशा बहू ने उसे इलाज के लिए सीएचसी पहुंचाया। सीएमओ को मामले की सूचना दी गई। सीएचसी अधीक्षक ने प्राथमिक इलाज के लिए उसे सीएचसी में भर्ती किया। इलाज के कुछ देर बाद ही युवक की तबीयत में सुधार होने के बाद उसे घर भेज दिया गया। अधीक्षक ने बताया की जिस किसी के भी शरीर में फाइलेरिया का कीटाणु मौजूद होता है, उसकी कुछ प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं। दवा खाने के बाद बीमारी का खतरा कम हो जाता है।

भीतरगांव के रहने वाले विमलेश 17 वर्ष पुत्र रघुवीर ने बताया कि फाइलेरिया की दवा खाने के बाद उसे कुछ दिक्कत महसूस होने लगी। जिसके बाद उसने आशा बहू को इस बारे में जानकारी दिया। आशा बहू ने उसे इलाज के लिए सीएचसी पहुंचाया। जहां इलाज के बाद उसकी हालत में सुधार हो गया। सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर इफ्तिखार अहमद ने बताया कि फाइलेरिया परजीवी द्वारा होने वाला रोग है, जो धागा के समान दिखने वाले फाइलेरिओडी नामक निमेटोड के कारण होता है।

यह प्रायः संक्रामक उष्णकटिबन्धीय रोग है। फाइलेरिया के आठ प्रकार के निमेटोड ज्ञात हैं, जो मानवों को अपना निशाना बनाते हैं। आजकल स्वास्थ्य विभाग इसको समाप्त करने का पूरा प्रयास कर रहा है। जिसके लिए दवाई खिलवाई जा रही है। फाईलेरिया वुचेरेरिया बैन्क्रोफटाई परजीवी द्वारा होता है। अधीक्षक ने बताया कि युवक में फाइलेरिया के कीटाणु पहले से मौजूद थे। इसी वजह से दवा खाने के बाद उसके शरीर में कुछ प्रतिक्रिया सामने आई थी।

दवा खाने के बाद युवक के शरीर में फाइलेरिया का खतरा कम हो गया है। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया को जड़ से समाप्त करने के लिए हर किसी को निर्धारित दवा की खुराक जरूर खाना है। इसे लेकर मन में कोई संशय न पाले।

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