मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क : सीएमओ

रिपोर्ट – उपेंद्र शर्मा

  • मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क : सीएमओ
  • लगातार 21 दिन बुखार, सिरदर्द और कमजोरी होने पर स्वास्थ्य विभाग को दें जानकारी
  • जनपद में विदेश से आने वाले यात्रियों पर स्वास्थ्य विभाग की नजर

बुलंदशहर, 30 जुलाई 2022। कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। बीते दिनों दिल्ली में मंकीपॉक्स का मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग ने एहतियातन जिला अस्पताल में वार्ड तैयार किया है, जहां पर सम्भावित मरीजों को रखा जाएगा। हालांकि जनपद में अभी तक  मंकीपॉक्स का कोई केस नहीं मिला है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय कुमार सिंह ने लोगों से अपील की है कि जनपद में यदि किसी व्यक्ति को लगातार 21 दिन तक बुखार, सिर दर्द,  कमजोरी महसूस होती है, तो बिना देरी किए इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दें, जिससे समय रहते उसकी जांच और उपचार किया जा सके। उन्होंने बताया-विदेश से आने वाले यात्रियों पर स्वास्थ्य विभाग की विशेष नजर है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया -कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स को लेकर सतर्कता बरते की जरूरत है, हालांकि जनपद में अभी तक कोई मंकीपॉक्स का कोई मरीज नहीं मिला है। फिर भी एहतियातन स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। जनपद में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, और दक्षिण अफ्रीका से आने वाले विदेशी यात्रियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। अगर ऐसा कोई मरीज मिलता है तो उसकी जांच के नमूने पुणे भेजे जाएंगे।

सीएमओ ने बताया जो भी दिशा निर्देश सरकार की ओर से आए हैं, उसी के आधार पर विभाग अलर्ट मोड पर है। उन्होंने बताया जिन देशों में मंकीपॉक्स के मामले मिले हैं, वहां से आने वाले यात्रियों में यदि इस बीमारी के लक्षण नजर आते हैं तो उनके सैंपल पुणे जांच के लिये भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया मंकी पॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है, जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उच्च कटिबंधीय वर्षा वन क्षेत्रों में होती है। कभी-कमी अन्य क्षेत्रों में भी रोग का प्रसार हो जाता है। मंकीपॉक्स में मरीज में बुखार, चकत्ते और सूजी हुई लिम्फ नोड्स जैसे लक्षण पाए जाते हैं। जिनके कारण अनेक जटिलताएं भी हो सकती हैं। इसके लक्षण दो से चार सप्ताह तक प्रदर्शित होते है। मंकीपॉक्स जानवरों से मानवों में या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यह वायरस कटी फटी त्वचा,सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है। सभी लोग सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें।

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