रोली और जबेदा को डॉ.रमेश चंद्रा ने दी नई जिन्दगी

  • शिवसागर हॉस्पिटल में बच्चेदानी का ऑपरेशन कर निकाला 3 किग्रा और 4.7 किग्रा का ट्यूमर

शिवगढ़,रायबरेली। डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है।किन्तु कुछ डॉक्टरों की स्वार्थपरता के कारण मरीजों और तीमारदारों का डॉक्टर के ऊपर से विश्वास उठता जा रहा है। डाक्टरों की स्वार्थपरता और मरीजों का खून चूहने वाले अस्पताल प्रबन्धन की मर चुकी इंसानियत के चलते इलाज पूरा होने से पहले ही मरीज जिंदगी की जंग हार जाते हैं और उनके घर वाले डॉक्टरों को कोसते रहते हैं। वहीं कुछ ऐसे डाक्टर आज भी हैं जिनके अन्दर इंसानियत जिंदा है, जो पैसों से ज्यादा इंसानियत को तवज्जो देते हैं। जिंदगी की आस छोड़ चुके मरीजों में जान फूंक कर भगवान साबित रहे हैं।

ऐसे ही एक एमबीबीएस डॉ.रमेश चंद्रा है जिन्होंने क्षेत्र के पारा खुर्द की जुबेदा और लक्ष्मणपुर की रोली को नई जिन्दगी देकर उनके घर आंगन को खुशियों से सराबोर कर दिया है। गौरतलब हो कि क्षेत्र के पारा खुर्द की रहने वाली जुबेदा की बच्चेदानी में 3 किलोग्राम और लक्ष्मणपुर मजरे असहन जगतपुर गांव की रहने वाली रोली की बच्चेदानी में 4.7 किलोग्राम का ट्यूमर था। शुरुआती दौर में तो दोनों को लगा के उनके गर्भ में बच्चा पल रहा है,जिससे उनके परिवार में खुशियों का माहौल था। किंतु जांच बाद पता चला की उनके गर्भ में बच्चा नही ट्यूमर है, जिससे उनका परिवार परेशान हो उठा। ऑपरेशन के लिए शहर के सामान्य से लेकर नामी गिरामी अस्पतालों तक गये। किन्तु जब डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए लाखों का बजट बताया तो उनकी हिम्मत टूट गई।

थक हार कर जब उनके घर वाले जुबेदा और रोली को लेकर बछरावां में शिवगढ़ मार्ग स्थित शिवसागर हॉस्पिटल लेकर पहुंचे तो वहां के एम.डी. सुशील कुमार ने मानवता दिखाते हुए कहा कि पैसों की चिन्ता बिल्कुल न करें कम से कम पैसों में ट्यूमर का ऑपरेशन हो जाएगा, जिससे दोनों के परिजनों ने राहत की सांस ली। जहां एमबीबीएस डॉक्टर डॉ. रमेश चंद्रा द्वारा जुबेदा और रोली की बच्चेदानी का सफल ऑपरेशन करके ट्यूमर निकाल लिया गया है,दोनों स्वास्थ्य बताई जा रही हैं। नया जीवन मिलने पर जुवेदा और रोली व उनके परिजनों ने एमडी सुशील कुमार और डॉ. रमेश चंद्रा को खूब दुआएं दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *