शिवसेना पर भड़की कांग्रेस, द्रौपदी मुर्मू को लेकर विपक्ष में पड़ी दरार

 

महाराष्ट्र में शिवसेना और सहयोगी दलों के बीच दरार आ गयी है। एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के उद्धव ठाकरे के फैसले का का कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने विरोध किया है। इसे विपक्ष के बीच दरार की नजर से देखा जा रहा है। यशवंत सिन्हा को साझा उम्मीदवार बनाकर राजग के सामने मजबूती से राष्ट्रपति चुनाव लडऩे की विपक्ष की मुहिम को शिवसेना के रवैय्ये से जोर का झटका लगा है।

शिवसेना से पहले भी राजग से बाहर के कई दल द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर चुके हैं। सबसे पहले बीजद प्रमुख और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मुर्मू को अपना समर्थन दिया। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल, वाईएसआर कांग्रेस, बसपा, जदएस, अन्नाद्रमुक और तेदेपा ने भी मुर्मू को समर्थन देने का एलान कर दिया था। उम्मीद है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा भीद्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान करेगा। आम आदमी पार्टी ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। फिलहाल मुर्मू की जीत तय मानी जा रही है। मुर्मू का सर्मथन करने के शिवसेना के फैसले पर कांग्रेस ने तंज कसा है।

महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने के शिवसेना के रुख पर चिंता व्यक्त करते हुए ट्वीट किया है। बालासाहेब थोराट ने ट्वीट करके शिवसेना के वैचारिक दलबदल पर सवाल उठाया है। ये मसला इसलिए भी गंभीर हो गया है क्योंकि शिवसेना अभी भी महाविकास आघाड़ी का हिस्सा है। इसमें कांग्रेस और शिवसेना के साथ ही शरद पवार की पार्टी एनसीपी भी शामिल है। थोराट ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव एक वैचारिक लड़ाई है। ये लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए चल रहा संघर्ष है।

कांग्रेस ने शिवसेना से पूछा है कि राष्ट्रपति पद की लड़ाई महिला बनाम पुरुष की नहीं है। ना ही ये लड़ाई आदिवासी बनाम गैर-आदिवासियों की है। वो सभी जो संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के पक्ष में हैं, यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रहे हैं। शिवसेना ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन क्यों किया? इसका विवरण भी शिवसेना को देना चाहिए।

सांसदों को नहीं खोना चाहते उद्धव

माना जा रहा था कि उद्धव ठाकरे अपने सांसदों को नहीं खोना चाहते हैं। अधिकतर सांसद मुर्मू के पक्ष में हैं। विधायक दल में विभाजन के बाद उद्धव ठाकरे सांसदों का आग्रह ठुकरा कर कोई नई मुसीबत नहीं मोल लेना चाहते। मंगलवार को उद्धव ने जहां द्रौपदी मुमरू के लिए समर्थन की घोषणा की, वहीं यह सफाई भी दे डाली कि प्रसार माध्यमों द्वारा फैलाई गई इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि यह समर्थन किसी दबाव में दिया जा रहा है।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *