शिवसेना के दोनों गुटों में टकराव और बढ़ी, उद्धव आज के धृतराष्ट्र, संजय राउत को कहा दरबारी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के गुटों के बीच टकराव बढ़ गया है। शिंदे गुट ने मंगलवार को उद्धव ठाकरे पर मंगलवार को जोरदार हमला करते हुए उनको आज का धृतराष्ट्र करार दिया। शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री बनने के बाद खुद को असली शिवसेना बताया है। दोनों के बीच कड़वाहट बढऩे की ये मुख्य वजह है। भाजपा के साथ मिलकर बनी उनकी सरकार ने विधानसभा में बहुमत भी साबित कर दिया है। इसके बाद से टकराव और जंग और तेज हो गयी है।

शिवसेना के शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट के बीच जुबानी जंग तेज हो गयी है। एकनाथ शिंदे गुट के नेता गुलाबराव पाटिल ने सीधे उद्धव ठाकरे पर ही निशाना साधते हुए उन्हें धृतराष्ट्र कह दिया है। उन्होंने शिवसेना सांसद संजय राउत को दरबारी कहा है। उन्होंने विधानसभा में कहा कि हम उद्धव ठाकरे से अपील करते हैं कि वे दरबारियों को हटा दें, जिन्होंने उन्हें धृतराष्ट्र बना दिया है। हमने आपको छोड़ा नहीं है बल्कि आपसे दूर कर दिया गया है।

गुलाब राव पाटिल ने कहा कि अगर 40 विधायक एक साथ आपको छोड़ दें तो समझ लें कि आग काफी वक्त से लगी हुई थी। वरना कोई अपने ही घर को यूं नहीं छोड़ता। वहीं इस बयान पर संजय राउत की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिन लोगों पर गुलाब राव पाटिल आरोप लगा रहे हैं उन्हीं के सहारे वो सत्ता में आए हैं। आज समय खराब है तो उनको बदनाम किया जा रहा है। संजय राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे कोई बच्चे नहीं हैं। उनको पता है कि सत्ता के लिए कौन पाला बदला है।

संजय राउत ने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे बाला साहेब ठाकरे के बेटे हैं, अपने फैसले खुद लेते हैं। पार्टी छोडऩे वाले बस बहाना चाहते हैं। संजय राउत ने बागियों से कहा, अब तुम पार्टी छोड़ चुके हो, अब अपना काम करो। वक्त आने पर सबका हिसाब हो जाएगा।

चुनाव में साफ होगा सबका सूपड़ा

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि चुनाव में सबका सूपड़ा साफ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव में इस बार 100 से ज्यादा विधायक जीतेंगे। सांसद ने कहा कि जिस तरह से ये लोग पार्टी को धोखा देकर गए हैं, उसे जनता ने देखा है और आने वाले चुनाव में शिवसेना के रिकार्ड विधायक जीतेंगे। संजय राउत ने कहा कि विधायकों के साथ छोडऩे का मतलब ये कतई नहीं निकाला जाना चाहिए कि मतदाता भी रूठ गए हैं।

एकनाथ शिंदे भी हो गए थे भावुक

एकनाथ शिंदे ने भी बहुमत परीक्षण के दौरान विधानसभा में बेहद भावुक भाषण देते हुए कहा था कि मैंने बगावत नहीं की है बल्कि मिशन पर गया था। शिंदे ने इस दौरान विधान परिषद चुनाव के समय खुद से बदसलूकी किए जाने का भी आरोप लगाया था।

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