सड़क दुर्घटना में हमेशा याद रखे आकस्मिक चिकित्सा की ‘एबीसीडी’ : डॉक्टर एसएम सिंह

  • कृतिम सांस और सीपीआर से बच सकती है व्यक्ति की जान : रमेश बहादुर सिंह
  • हर बच्चे के लिए जरूरी आकस्मिक चिक्तिसा की जानकारी : डॉ. बीना तिवारी

रायबरेली। कचेहरी रोड स्थित एसजेएस पब्लिक स्कूल में आज स्कूली छात्रों को सड़क दुर्घटना में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को आकस्मिक चिकित्सा दिए जाने के संबंध में जरूरी जानकारी दी गई। शहर के प्रतिष्ठित आर्थोपेडिक सर्जन डॉ एस एम सिंह और डॉक्टर नीतीश गुप्ता ने आकस्मिक चिकित्सा के बारे में छात्र छात्राओं के साथ अपने विचार साझा किए। डॉक्टर एस एम सिंह ने बताया कि जब भी सड़क दुर्घटना हो तो चार सूत्र वाक्य एबीसीडी याद रखना है। ए से एयर वे यानी ये देखना है कि दुघर्टनाग्रस्त व्यक्ति सांस ले रहा है या नही। उसकी सांस की नली में कुछ फंस तो नही गया है। दुर्घटना में हो सकता है व्यक्ति का दांत टूटकर गले मे फंस गया हो या थूक फंस गया हो। इसके लिए सांस लेने के रास्ते मे रुकावट को हटाना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।बी से ब्रीथिंग है यानि अगर दुर्घनाग्रस्त व्यक्ति सांस ले रहा है तो समझ लेना चाहिए कि व्यक्ति की जान बच सकती है।यदि सांस नही ले रहा है तो उसे कृतिम सांस देने की जरूरत है।व्यक्ति को मुंह से कृतिम सांस दें।

सी से सर्कुलेशन यानी खून पूरे शरीर मे दौड़ रहा है या नही। यानी व्यक्ति का दिल चल रहा है या नही। इसके लिए आप व्यक्ति की पल्स देख सकते है। यही दिल काम नही कर रहा है तो आपको सीपीआर देने की जरूरत हैं। व्यक्ति को तत्काल सीपीआर दे। डी से डिफॉर्मिटी होता है यानी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति का कोई अंग टूट तो नही गया है या उसका शेप तो नही बिगड़ गया है।अगर उसका हाथ पैर टूट गया है तो उसे बहुत ध्यान से सावधानी से घटनास्थल से उठाकर सुरक्षित जगह पर ले जाना चाहिए।उन्होंने बच्चों को सीपीआर और कृतिम सांस देने का तरीका भी बताया।साथ आए डॉक्टर नीतीश गुप्ता ने भी बच्चों को अहम जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि अक़्सर छात्र छात्राएं असेंबली में बेहोश हो जाते है या उन्हें कोई दिक्कत हो जाती है। ऐसी स्थिति में पैनिक नही होना चाहिए। उसे खुली हवा में ले जाएं और भीड़ न लगाए।इस तरह की छोटी- छोटी बातों से बड़ी दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।

एसजेएस ग्रुप ऑफ स्कूल के चेयरमैन रमेश बहादुर सिंह ने कहा किसी जानकारी से सड़क दुर्घटना में होने वाली मृत्यु की संख्या को कम किया जा सकता है अस्पताल जाने से पहले ही मिल जाए जो व्यक्ति की जान बच सकती है।स्कूल की प्रधानाचार्य डॉ बीना तिवारी ने दोनों डॉक्टरों का आभार व्यक्त किया और उन्हें शुभकामनाएं दी।अंत मे एसजेएस ग्रुप ऑफ स्कूल्स के चेयरमैन श्री रमेश बहादुर सिंह और स्कूल की प्रधानाचार्या डॉ. बीना तिवारी ने दोनों चिकित्सको को एक स्मृति चिन्ह प्रदान किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

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