परिवार नियोजन अपनाएं जीवन को खुशहाल बनाएं : सीएमओ

रिपोर्ट – उपेंद्र शर्मा

  • जनपद में अप्रैल 2022 से अबतक 1128 महिलाओं और 19 पुरुषों ने नसबंदी पर भरोसा जताया
  • दंपती से परिवार नियोजन अपनाने की अपील

बुलंदशहर, 29 सितम्बर 2022। स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। आशा कार्यकर्ता और एएनएम दंपती को परिवार नियोजन अपनाने के लिए जागरूक कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि दंपती परिवार नियोजन के अस्थाई साधन अपनाकर बच्चों के बीच में तीन साल का अंतराल रखें विभाग परिवार नियोजन के साधनों के बारे में लक्षित दम्पती की काउंसलिंग कर उन्हें जागरूक करने का प्रयास कर रहा है। आशा कार्यकर्ता व एएनएम अपने-अपने क्षेत्र में दंपती को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक कर रहे हैं।

 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनय कुमार सिंह ने बताया – बच्चों में तीन साल का अंतराल रखने के लिए परिवार नियोजन के अस्थायी साधन अपनाने चाहिए और जो दम्पती अपना परिवार पूरा कर चुके हैं वह स्थाई साधन अपनाएं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर ब्लाक स्तर पर शिविर लगाकर महिलाओं की नसबंदी कराई जा रही है। दंपती को परिवार नियोजन अपनाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। जनपद में अप्रैल से सितम्बर 2022 तक 36600 दंपती ने परिवार नियोजन के आधुनिक साधन अपनाएं। इसमें 7022 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी ( पोस्ट पार्टम इंट्रायूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस), 5855 ने आईयूसीडी (इंट्रायूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस), 3478 महिलाओं ने अंतरा अपनाया। 10630 छाया गोलियों का सेवन किया गया, जबकि जनपद में इस दौरान 1128 महिलाओं व 19 पुरुषों ने नसबंदी पर भरोसा जताया है।

 

परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. सुनील कुमार सिंह ने बताया – परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी व पीएचसी), हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध हैं, स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन के साधन अपनाने के लिए काउंसलिंग कर जागरूक किया जा रहा है। महिला व पुरुष नसबंदी के साथ ही कंडोम, आईयूसीडी व पीपीआईयूसीडी, अंतरा व माला-एन आदि परिवार नियोजन के साधनों के बारे में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा लक्षित दंपती को विस्तार से जानकारी दी जा रही है।

 

परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया – महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी आसान व सरल है, पुरुष नसबंदी बिना चीरा लगाये से की जाती है, जिससे कोई परेशानी नहीं होती, पीपीआईयूसीडी लम्बे समय तक अनचाहे गर्भ से सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने बताया- माहवारी प्रारम्भ से लेकर सात दिन के अन्दर भी इसे लगवा सकते हैं। पीपीआईसीयूडी पांच से दस साल तक काम करती है। बच्चों के जन्म में अंतर रखने के लिए यह विधि आसान व सुरक्षित है। उन्होंने बताया – अंतरा त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन बच्चे के जन्म के छह सप्ताह बाद एवं गर्भपात के तुरंत बाद लगवा सकते हैं। अंतरा इंजेक्शन तीन माह के अंतराल पर लगाया जाता है। एक बार इंजेक्शन लगवाने से तीन माह तक अनचाहे गर्भ से छुटकारा पा सकते हैं।

बुलंदशहर निवासी विमलेश देवी पत्नी विनोद कुमार ने बताया – आशा एएनएम ने उन्हें परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी। बच्चों में तीन साल का अंतराल रखने के लिए उन्होंने जिला अस्पताल में अंतरा इंजेक्शन की तीसरी डोज़ लगवाई। इस इंजेक्शन से उन्हें कोई परेशानी नहीं है।

 

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