बस संचालकों द्वारा की जा रही खुल्लम खुल्ला लूट
रिपोर्ट टी पी यादव
महराजगंज रायबरेली। बस संचालकों द्वारा की जा रही खुल्लम खुल्ला लूट आरटीओ के साथ साथ पुलिस विभाग के आला हाकिमो को भी नजर नहीं आ रही। अब इसे बस संचालकों की पकड़ कहे या “सुविधा शुल्क” की चाशनी में डूबे निकम्मे प्रशासन की मजबूरी।
बताते चले की परमिट से अधिक सवारियां ढो जान माल से खिलवाड़ करने वाली बसों के एक भी कागज दुरुस्त ना होने के बावजूद यह बसे मुख्यालय से होते हुए आरटीओ दफ्तर एवं थुलवासा चौकी के सामने से सरपट दौड़ती नजर आ रही। बावजूद इसके इन बसों को सीज अथवा चालान करने की हिमाकत विभाग में नहीं दिख रही। जहां इन बसों से आम आदमी की जान का खतरा बराबर बना है वहीं रजिस्ट्रेशन, बीमा, प्रदूषण एवं फिटनेस दस्तावेज पूर्ण ना होने से लाखों रुपए का राजस्व का नुकसान भी देखने को मिल रहा। मालूम हो की रायबरेली से इन्हौना वाया महराजगंज होकर 100 किलोमीटर आने जाने का चक्कर लगाने वाली खान बस सर्विस बस संख्या यूपी 44 टी 9287 जहां सवारियों को लटका किराया वसूल रही वहीं इस बस का रजिस्ट्रेशन,बीमा समेत अन्य कागज एक वर्ष पूर्व ही रद्द हो गया वहीं दूसरी हो रायबरेली से शिवगढ़ वाया महराजगंज होकर गुजरने वाली बस संख्या यूपी 33 टी 9017 तथा ख्वाजा बस सर्विस के नाम से इसी रूट पर चलने वाली बस संख्या यूपी 33 ए टी 8424 का भी एक कागज पिछले वर्ष से दुरुस्त नहीं बावजूद इसके आरटीओ विभाग के कर्मियों की सरपरस्ती एवं पुलिस विभाग की खाऊं कमाऊ नीति के चलते बसों का संचालन पिछले एक वर्ष से बदस्तूर जारी है। जहां अपने ही विभाग को चूना लगा बस संचालकों की चाकरी करने वाले आरटीओ विभाग के कर्मियों की कार्यशैली संदिग्ध नजर आ रही वहीं “ढाई दिन चले अढ़ाई ओस” की तर्ज पर मोटरसाइकल चालकों के चालान में अधिक रुचि ले यातायात नियमों एवं उच्च अधिकारियों के नाम का पहाड़ा पढ़ाने वाली कोतवाली पुलिस सुविधा शुल्क एवं महीनवारी मिलने के चलते डग्गामार एवं अवैध बसो के संचालन को रोक पाने में नाकाम नजर आ रही।
मामले में आरटीओ मनोज सिंह नें कहा की पीटीओ को कार्यवाई करने को निर्देशित किया है वहीं क्षेत्राधिकारी अरुण कुमार नहवार नें बताया की कोतवाल महराजगंज को बिना कागज दौड़ रही बसों पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए गए है।