गंदगी का लगा अंबार,स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त,कुत्ते करते है आराम:कोराेना के प्रकोप से कैसे जितेगा सरेनी

  1. रिपोर्ट–शशीकांत त्रिवेदी

सरेनी–बीमारों के साथ-साथ तीमारदार भी हो जाते हैं बीमार आखिर हो भी क्यों ना इसका जीता जागता उदाहरण आपको सरेनी स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिल जाएगा,गंदगी का इतना अंबार लगा हुआ है कि यदि एक बार वहां कोई बीमार व्यक्ति के साथ तीमारदार भी जाए तो वह भी बीमार पड़ जाएगा।वही बात की जाए अधीक्षक महोदय की तो वह अपनी ड्यूटी के समय इस चिल्लाती धूप और उमस भरी गर्मी को देखते हुए अपने वातानुकूलित संचालित कमरो में जाकर आराम फरमा रहे हैं।सीएससी की हालत इतनी बदतर है कि वहां देखने वाला कोई नहीं अधिकारियों के साथ कर्मचारी भी रहते हैं।नदारत जिन बेड में होना चाहिए बीमार व्यक्तियों को जिनमें बीमार व्यक्तियों को होना चाहिए। गंदगी और दुर्गंध के कारण वहां नहीं रह पाते जिसके कारण उन्हें अस्पताल परिसर में बने पत्थर निर्मित सेडो जो कि तीमारदारों के बैठने की जगह होती है।उस पर इलाज किया जा रहा है।

साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कुछ वहां पर कुत्ते भी आराम फरमाते नजर आ जाएंगे क्योंकि प्रशासन की आंखें यह सब नहीं देखती और ना ही वहां के कर्मचारियों को यह सब दिखाई देता है वो तो केवल आराम करना चाहते है अब आखिर में इतनी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बावजूद यदि व्यक्तियों का इलाज सही ढंग से ना हो पाए तो इसमें कहीं ना कहीं ऐसे लचर कार्यशैली वाले अधीक्षक की भागीदारी देखने को मिलती है।

सीएससी का हाल बेहाल गर्मियों में डॉक्टर को नहीं है मरीजों की चिंता

वहीं सीएचसी अधीक्षक डॉ अमल पटेल नदारद रहे वहीं नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि सीएचसी अधीक्षक सरेनी डॉ अमन पटेल कभी कभी महीनों सीएचसी नहीं आते हैं,और ड्यूटी चढ़ जाती हैं,और जब इस सब के बीच सीएचसी में मिली अनियमितताएं और सीएचसी परिसर में एमर्जेंसी वार्ड के जेस्ट सामने कुत्ते के आराम फरमाने आदि की जानकारी लेनी चाही तो सीएचसी अधीक्षक डॉ अमल पटेल ने पत्रकारों का फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा और फोन को स्विच ऑफ कर दिया अब देखने वाली बात होगी कि आखिर में खबर चलने के बाद भ्रष्ट सीएचसी अधीक्षक पर कार्यवाही होती है कि नही ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगा।

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