सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मोदी सरकार को फटकार, कहा- डॉक्टरों के भविष्य के साथ खेल रहे

पूरा देश चिकित्सा प्रोफेशनल की कमी झेल रहा है इसके बावजूद इस साल 1,450 पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल सीटें खाली पडी हुई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता व्यक्त की है । इसके साथ ही देश के सर्वोच्‍च न्यायलय  ने मोदी सरकार से कहा आप डॉक्टरों के भविष्य के साथ खेल रहे हैं।

हलनामा दाखिल कर जवाब दें क्‍यों नहीं इन सीटों को भरा गया

 

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और चिकित्सा परामर्श समिति (एमसीसी) द्वारा एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा है, जिसमें बताया जाए कि अतिरिक्त मॉप-अप काउंसलिंग राउंड आयोजित करके इन सीटों को क्यों नहीं भरा गया। अदालत ने यह भी चेतावनी दी है कि वह केंद्र से डॉक्टरों को उनके जीवन और भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के लिए मुआवजा देने के लिए आदेश देने पर विचार कर सकती है।

 

जज ने दी ये चेतावनी

जस्टिस एमआर शाह और अनिरुद्ध बोस की बेंच ने कहा अगर एक भी सीट खाली है, तो उसे भरा जाना चाहिए और बर्बाद नहीं होने दिया जाना चाहिए … अगर छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाता है, तो हम आपके खिलाफ और डॉक्टरों का भविष्य और जीवन के साथ खेलने के लिए मुआवजे देने का आदेश देंगे

 

सात डॉक्‍टरों ने दाखिल की है ये याचिका

मालूम हो कि अदालत सात डॉक्टरों द्वारा दायर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें नीट-पीजी 2021-22 के लिए अंतिम मॉप-अप काउंसलिंग राउंड 7 मई को समाप्त होने के बाद खाली पड़ी 1,456 मेडिकल PG सीटों के लिए काउंसलिंग के एक विशेष दौर की मांग की गई थी।

 

सीटें खाली रखने से आपको (केंद्र) क्या मिलेगा?

कोर्ट ने कहा जब आपको इतने डॉक्टरों और सुपर स्‍पेशलिटी डॉक्‍टरों की आवश्यकता है तो सीटें खाली रखने से आपको (केंद्र) क्या मिलेगा? आपको एक और मॉप-अप राउंड आयोजित करना चाहिए था। क्या आपने कोई जिम्मेदारी महसूस की गई है? हर बार अदालत को दखल देना पड़ता है। आप कोर्ट के आदेश का इंतजार क्यों कर रहे हैं? कोर्ट ने ये भी कहा यह डॉक्टरों के भविष्य से जुड़ा गंभीर मामला है। आप उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और हमारे देश में डॉक्टरों की कमी है।

 

कोई कानून अधिकारी पेश नहीं हुआ

बता दें सुप्रीम कोर्ट को ज्‍यादा नाराजगी इसलिए हुई क्‍योंकि अदालत द्वारा याचिकाकर्ता को केंद्र और अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी को एक प्रति देने का निर्देश देने के बावजूद केंद्र का पक्ष रखने के लिए कोई कानून अधिकारी पेश नहीं हुआ। केंद्र की ओर से पेश हुए एक वकील ने अदालत को बताया कि एएसजी बलबीर सिंह को पेश होना था लेकिन वह व्यक्तिगत समसया में है और पेश नहीं हो सकते। वकील ने अदालत को बताया कि इस साल NEET-PG 2021-22 के लिए काउंसलिंग में देरी हुई और यह केवल 7 मई को समाप्त हुई, जो एक अलग के में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा से बहुत आगे थी।

 

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