रायबरेली : विश्व दलित परिषद ने पटरी दुकानदारों का मुद्दा उठाया किया धरना एवं प्रदर्शन
रायबरेली : विश्व दलित परिषद उ0प्र0 के आवाहन पर शहर में लगभग 80 वर्षों से सड़क पटरी किनारे रह रहे लोहर बढईया घुमंतू समुदाय भूमिहीनों के तत्वाधान में भूमि बांटो आंदोलन एवं कारोबार करने व स्थायी निवास हेतु भूमि आवंटन की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने कलेकट्रेट परिसर में लोगों नें अनिश्चित कालीन धरने का आयोजन किया।
धरने का नेतृत्व कर रहे विश्व दलित परिषद के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुरील नें कहा कि रायबरेली शहर में लगभग 80 वर्ष पूर्व से ही लोहर बढईया घुमंतू समुदाय के लोग लोहा पीटकर जन रोजगार करने आये थे। शासन और जिला प्रशासन द्वारा इन लोगों का वोटर कार्ड, राशन कार्ड , आधार कार्ड बना कर यहां की नागरिकता भी प्रदान किया है और यह लोग वर्षों से शहर के कैनाल रोड़, कानपुर रोड़, शास्त्री नगर, चक दौलताबाद, सहजादे साहब की कोठी व शहर के अन्य चौराहों के सड़क किनारे पटरी पर लोहा पीटकर झोपडी व तम्बू पीटकर झोपडी व तम्बू के नीचे अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
भूमिहीन होने के कारण इन समुदाय के लोगों को अपना कारोबार व स्थायी निवास करने हेतु शासन व जिला प्रशासन नें अभी तक इन लोगों को नगरीय क्षेत्र के किनारे कहीं भी जमीन का आवंटन नहीं किया है और न ही इनकी बस्ती बसायी गयी है जब भी शहर में जिला प्रशासन के द्वारा अवैध कब्जेदारों को लेकर अतिक्रमण हटाओं अभियान चलाया जाता है तो इन भूमिहीन लोहर बढईया समुदायों की झोपडी व तम्बू को उखाड फेक दिया जाता है और इन्हें खुलेआसमान के नीचे दुधमुहें छोटे-छोटे बच्चों के साथ सपरिवार सर्दी गर्मी बरसात में कई-कई दिनों तक खुले आसमान के नीचे रहना पड़ता है और साथ में ही लोहा पीटकर कारोबार में भी बाधा उत्पन्न होती है।
करोना महामारी के पहले व बाद में भी जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाओं अभियान चलाकर इन लोगों को अस्थायी तौर पर सिविल लाईन पुल के नीचे एवं काशीराम कालोनी में बसाया था किन्तु जिला प्रशासन द्वारा इन लोगों को कोई सुरक्षा व्यवस्था व सामाजिक जीवन यापन करने हेतु रोजगार की मूल-भूत व्यवस्था न दिये जाने से इन सबको बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
उक्त समस्याओं को लेकर इन लोगों नें कई बार तत्कालीन जिलाधिकारी से मिलकर समस्याओं से अवगत कराया था और साथ में ही इन लोगों नें लोहा पीट कर कारोबार करने एवं वहीं पर स्थायी निवास हेतु भूमि आवंटन करनें की मांग किया था। किन्तु शासन व जिला प्रशासन नें इन लोगों को अभी तक कोई भूमि आवंटन नहीं किया है।
उक्त समस्याओं को लेकर आज दिनांक 10.05.2022 को विश्व दलित परिषद के पदाधिकारीगण और लोहर बढईया समुदाय के लोगों नें अनिश्चित कालीन धरने के माध्यम से स्थायी भूमि आवंटन किये जाने का मांग-पत्र जिलाधिकारी के द्वारा देश के प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री महोदय, महामहिम राज्यपाल महोदय को सम्बोधित मांग-पत्र/ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट महोदय को सौंपा।
नगर मजिस्ट्रेट महोदय नें आश्वासन दिया कि इन लोगों को जल्द से जल्द स्थायी निवास व कारोबार करने हेतु भूमि आवंटन कराके शहर के किनारे किसी भी आबादी की जमीन पर बस्ती बसा दी जायेगी। नगर मजिस्ट्रेट के आश्वासन से अनिश्चित कालीन धरना समाप्त हुआ।
धरने में मुख्य रूप से ज्योति उर्फ नगीना, शिव कुमार अग्रहरि, हंश कुमार, गंगाराम गौतम, गोलू, मीना, ज्योति, रिंकू, गुलाब, अर्चना, पूजा, रज्जो, कांती, सुनीता, सुधा, दीवांश, सुधीर आदि दर्जनों लोहर बढईया समुदाय के लोग शामिल हुये।