राष्ट्रीय दृष्टि विहीनता एवं दृष्टि दोष नियंत्रण कार्यक्रम
रिपोर्ट – उपेंद्र शर्मा
- 50 वर्ष से अधिक आयु वालों की करायी जा रही आंखों की जांच
- “राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान” के तहत जनपद में जुलाई में हुए आंखों 1117 के ऑपरेशन, 15656 लोगों की ओपीडी में जांच
नोएडा, 24 अगस्त, 2022। राष्ट्रीय दृष्टि विहीनता एवं दृष्टि दोष नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे “राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान” के तहत जनपद में 50 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों की आंखों की जांच की जा रही है। इस कार्य में आशा-एएनएम की मदद ली जा रही है। अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता ऐसे लोगों को चिन्हित कर रही हैं जिन्हें आंखों से संबंधित परेशानी है। इन लोगों की आंखों की स्क्रीनिंग की जा रही है और उनमें मोतियाबिंद पाये जाने पर उनका मुफ्त ऑपरेशन कराया जा रहा है।
यह जानकारी गैर संचारी रोग (एनसीडी) नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. राघवेंद्र प्रताप सिंह ने दी। उन्होंने बताया- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य देश को मोतियाबिंद बैकलॉग से मुक्त करना है। उन्होंने बताया-भारत सरकार द्वारा कराए गए सर्वे (2015 – 18) के अनुसार देश की कुल जनसंख्या के 1.99 प्रतिशत लोग मोतियाबिंद जनित दृष्टि दोष से ग्रसित हैं। सर्वे के आधार पर भारत सरकार ने सभी प्रदेशों में तीन वर्षीय (2022 से 2025 तक) “राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान” मिशन मोड में चलाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया- इस संबंध में अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सूबे के सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अभियान शुरू कराकर 50 वर्ष से अधिक आयु वाले 16 प्रतिशत नागरिकों के आंखों की स्क्रीनिंग कराएं और अधिक से अधिक लाभार्थियों के ऑपरेशन कर प्रदेश को मोतियाबिंद बैकलॉग से मुक्त कराएं।
डॉ. सिंह ने बताया – जनपद में अभियान के तहत 50 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों की आंखों की स्क्रीनिंग करायी जा रही है। जनपद के विभिन्न सरकारी अस्पतालों और एनजीओ द्वारा संचालित चिकित्सालयों में जुलाई महीने में 15656 लोगों की ओपीडी में आंखों की मुफ्त जांच की गयी और जुलाई महीने में 1117 लोगों की आंखों के आपरेशन किये गये हैं।
उन्होंने बताया – ग्राम स्तर पर उपलब्ध आशा, एमपीडब्लू (मल्टी परपज वर्कर) एवं एएनएम द्वारा मोतियाबिंद ग्रसित मरीजों के सर्वे के आधार पर उपलब्ध डाटा के अनुसार राजकीय/ एनजीओ/ तकनीकी रूप से सक्षम निजी चिकित्सालयों में अधिक से अधिक ऑपरेशन कराते हुए जनपद को बैकलॉग मुक्त कराया जाना है। ऑपरेशन के लिए दोनों आंखों के मोतियाबिंद से ग्रसित लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने बताया – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात आशा और एएनएम को संबंधित क्षेत्र के 50 वर्ष से अधिक आयु वाले ग्रामीणों की मोतियाबिंद की प्राथमिक जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला वित्त एवं रसद सलाहकार आशुदीप ने बताया- अभियान के तहत जुलाई में 1117 लोगों की आँखों के आपरेशन किये गये, इनमें 202 आपरेशन एसआईसीएस विधि से, 668 फेंको और 247 साधारण विधि से किये गये। इसके अलावा 5850 रिफ्रेक्शन (चश्मों) जांच हुईं।