सत्येंद्र जैन के घर पर ईडी की छापेमारी, खुल गई सारी पोल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मंत्री सत्येंद्र जैन पर शिकंजा कसता जा रहा है। जैन को ईडी ने 9 जून तक के लिए हिरासत में भेज दिया है। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री से प्रवर्तन निदेशालय गहन पूछताछ कर रही है। वहीं, ईडी ने आज यानी सोमवार को जैन के आवास पर छापेमारी की।

दरअसल ईडी ने सीबीआई द्वारा दायर की गई एक एफआईआर के आधार पर जैन के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया था। एफआईआर में कथित रूप से इस बात का उल्लेख था कि सत्येंद्र जैन उन चार कंपनियों द्वारा प्राप्त धन के स्रोत की जानकारी नहीं दे पाए जिनमें वो शेयरहोल्डर हैं। बता दें, जैन पर कथित आरोप हैं कि उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियों को लॉन्च किया या खरीदा था। उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के माध्यम से 16.39 करोड़ रुपये के काले धन को भी सफेद किया था।

बता दें कि जैन के पास प्रयास, इंडो और अकिंचन नाम की कंपनियों में बड़ी संख्या में शेयर थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2015 में दिल्ली की केजरीवाल सरकार में मंत्री बनने के बाद जैन के सभी शेयर उनकी पत्नी के नाम कर दिए गए थे। जानकारी के अनुसार इन कंपनियों का प्रयोग कोलकाता की कंपनियों को नकद पैसे भेजने के लिए किया जाता था और बाद में शेयर खरीदने के नाम पर कानूनी रूप से जैन को पैसे वापस कर दिए जाते थे।

कथित तौर पर इनके माध्यम से जैन ने 2010 से 2014 तक 16.39 करोड़ रुपये के काले धन को सफेद किया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस मामले में जब आयकर विभाग ने मुकदमा चलाया गया तो जैन ने दो फर्जी खाताधारकों वैभव जैन और अंकुश जैन का पता लगा,  जिनके नाम पर जमा 16.39 करोड़ रुपये को ‘आय प्रकटीकरण योजना (आईडीएस), 2016’ के अंतर्गत नकदी के रूप में सरेंडर कर दिया गया।

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