गीतकार परम हंस मौर्य की कविता | मेरी जरुरत लगी

गीतकार परम हंस मौर्य की कविता | मेरी जरुरत लगी मेरी खोज तो तब हुई जब मेरी जरुरत लगी वरना मै तो बेकार था। अंदर से थी नफ़रते ही नफ़रते … Read More

समय के सापेक्ष गुरुओं की महती भूमिका

सर्वविदित है कि किसी भी देश की उन्नति अथवा उसके सर्वांगीण विकास के मूल में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। या यूँ कहें कि शिक्षक देश के विकास की … Read More

निशब्द हो जाना सहसा / श्रवण कुमार पाण्डेय पथिक

निशब्द हो जाना सहसा / श्रवण कुमार पाण्डेय,पथिक शब्द होते हुये भी, सामर्थ्य होते हुए भी, निशब्द हो जाना सहसा, लगता ठीक वैसा, जैसे बच्चों के बिना, स्कूल अथवा मदरसा, … Read More

राना बेनी माधव बक्श सिंह का इतिहास: भाग-2

राना बेनी माधव बक्श सिंह का इतिहास: भाग-2 गदर के गद्दार या गद्दारी के तोहफे  प्रथम स्वाधीनता संग्राम के महानायक शूरवीर राना बेनी माधव सिंह ने अंग्रेजी फौजों का डटकर … Read More

Thoughts of Abhay Pratap Singh | लेखक अभय प्रताप सिंह के प्रेरणादाई विचार

Thoughts of Abhay Pratap Singh | लेखक अभय प्रताप सिंह के प्रेरणादाई विचार  1 साथ की उम्मीद नही, क्या पता क्या होगा? सफ़ल हुए तो तारीफ़, वर्ना इंतज़ार होगा। ये … Read More

राणा बेनी माधव की 218वीं जयंती पर जमीं कवि सम्मेलन और मुशायरा की महफिल।

रायबरेली।वीर बैसवारा की शान भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अमर नायक राणा बेनी माधव बख्श सिंह की 218वीं जयंती के मौके पर देरशाम कवि सम्मेलन और मुशायरा की महफिल जमीं। जिसमें … Read More

शहर भी कभी गांव था / परम हंस मौर्य

शहर भी कभी गांव था शहर भी कभी गांव था। आंखों में पवित्रता दिल में प्रेम भरा हाव भाव था। शहर में रह कर गुमान मत कर शहर भी कभी … Read More

आलोचना / अभिमन्यु पाल आलोचक

आलोचना प्रेमचंद की कलम सा दर्द नहीं है, कबीर सा कोई सच का हमदर्द नहीं है, आधुनिक कवियों में पहले जैसी बात कहाँ है, रचनाओं में संपूर्ण सत्य का साक्षात् … Read More

हिंदी के 100 बड़े रचनाकारों में शामिल हैं साहित्यकार सविता चडढा

नयी दिल्ली : हर्ष का विषय है कि  पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी हिंदी के 100 बड़े रचनाकारों में आयी  रैंकिंग द्वारा डॉ सविता चड्ढा को इस सूची … Read More

कृष्ण जन्माष्टमी पर दुर्गा शंकर वर्मा “दुर्गेश” की कविता

कृष्ण जन्माष्टमी पर कविता  ————————- कृष्ण की वंशी से, जब बजी रागिनी। राधा दौड़ी चली, आई सुन रागिनी। रोक पाई न खुद को, जहां पर रही। और कुछ देर तक … Read More