भगवान श्रीराम ने शबरी के जूठे बेर खाकर पेश की थी समरसता की सच्ची मिसाल : राहुल
- शिवगढ़ बीआरसी परिसर में शिक्षामित्र संघ द्वारा आयोजित समरसता को सम्पन्न
शिवगढ़,रायबरेली। क्षेत्र के ब्लॉक संसाधन केंद्र शिवगढ़ परिसर में शिक्षामित्र विकास पाठक, अमर सिंह राठौर के नेतृत्व में शिक्षामित्र संघ द्वारा समरसता भोज का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक राहुल ने अपने संबोधन में कहाकि समरसता का उदाहरण भगवान श्रीराम ने पेश किया था।
भगवान राम जब वन गए तभी राम बन गए। वन में उन्होंने शबरी के जूठे बेर खाए इससे अच्छा समरसता का उदाहरण क्या हो सकता है, उन्होंने वीर सावरकर बारे में बताते हुए कहाकि 6 जनवरी सन् 1924 को वीर सावरकर को जेल से मुक्ति मिलती थी लेकिन 10 मई सन् 1937 तक उन्हें रत्नागिरि में नजरबंद रखा जाता था। जेल के जीवन के बाद वीर सावरकर द्वारा सामाजिक समरसता और समानता के जो कार्य किए गए वे भारत को महान बनाने की ओर अग्रसित करने वाले हैं।
वीर सावरकर ने जाति प्रथा एवं अस्पृश्यता के विरुद्ध एक अभियान चलाया। 1929 में वीर सावरकर ने विठ्ठल मन्दिर के गर्भगृह में अछूतों को प्रवेश दिलाने में सफलता हांसिल की। उन्होंने कहा कि समरसता हम सब लोगों को अपने घर से शुरू करनी चाहिए भेदभाव ऊंच-नीच,छुआछूत के भेदभाव को मिटाना होगा, असली भोज वही है जिसमें समरसता का भाव हो। घर में यदि कोई मेहमान आता है तो हम लोग जाति के हिसाब से व्यवहार करते हैं, ऐसा हमारे धर्म में कहीं नहीं लिखा है इसलिए समरसता को बढ़ाने के लिए हर समाज के हर व्यक्ति के साथ समान व्यवहार करना होगा तभी समरसता आयेगी।
इस मौके पर शिवगढ़ इस मौके पर ब्लॉक प्रमुख हनुमंत प्रताप सिंह, जिला महामंत्री शरद सिंह, शिवगढ़ भाजपा मण्डल अध्यक्ष डा.जीबी सिंह,प्रदीप कुमार त्रिवेदी, विनय कुमार त्रिवेदी, लक्ष्मी नारायण, नन्हे सिंह, संजू सिंह, सीमा सिंह, कन्हैया लाल पांडेय, रमेश कुमार अंकुर सिंह,रामेश्वर सिंह,गयेन्दु सिंह सहित भारी संख्या में शिक्षामित्र व क्षेत्र के गणमान्य मौजूद रहे।

दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी










