नगर पालिका में फैला है भ्रष्टाचार का मकड़जाल:पूनम तिवारी

रायबरेली। बीते 5 वर्षों में नगर पालिका परिषद रायबरेली में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ। इंदिरा नगर की वार्ड नंबर 26 की सभासद पूनम तिवारी ने दीप पैलेस में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि बीते 5 वर्षों में किस प्रकार बिना कार्य व बिना फार्म के ही भुगतान होता रहा । जबकि पास हुए प्रस्ताव में कार्यों पर कार्य नहीं होते। वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि बिना टेंडर के ही निर्माण कार्य करवा दिए गए। उन्होंने कहा कि 17 जून को सर्वसम्मति से पारित हुआ पुराना हाउस टैक्स चालू रखने का प्रस्ताव यथावत रहेगा।उन्होंने बताया कि समय कर दरों की प्रणाली का एसेसमेंट किया जा रहा है । उसको बोर्ड द्वारा सर्वसम्मति से स्थगित कर दिया गया। लेकिन नगरपालिका द्वारा हठधर्मिता के कारण जनता को परेशान किया जा रहा है। पूनम तिवारी ने आरोप लगाया कि नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा अनियमित तरीके से किया गया धना धन व आय से अधिक संपत्ति की जिलाधिकारी से निष्पक्ष जांच करवाई जाए। वहीं 5 वर्षों में नगरपालिका में कराए गए निर्माण कार्य व अन्य कार्यों का विवरण सहित आय-व्यय का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए।कोरोना काल में सफाई कर्मियों हेतु खरीदी गई पीपीई किट व बचाव संबंधी अन्य सामग्री जिलाधिकारी महोदय की देखरेख में जांच हो। इसके अलावा आउटसोर्सिंग कर्मचारी के नाम पर 10 माह में सभा को 5 करोड धनमुक्त किया गया। यह कर्मचारी कहां है, कितने हैं, कहां कार्यरत हैं, कितना भुगतान किया गया आदि साक्ष्य सहित विवरण पेश किया जाए । पूनम तिवारी ने नगरपालिका से सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों एवं मृतकों के परिजनों को अब तक भुगतान नहीं किया गया के संबंध में सवाल उठाया । उन्होंने कहां की राज्य वित्त के पैसों से ठेकेदार को भुगतान किया जाता है जबकि इस योजना से कर्मचारियों का वेतन भुगतान होना चाहिए। इसकी भी जांच हो।इसके अलावा पूनम तिवारी ने कहा कि 5 वर्षों का बजट लगभग 5 अरब 29 करोड़ 77 लाख 30 हजार 732 पास किया गया ।जबकि शहर में आज भी सीवर के टूटे चेंबर टूटे हैं, नाला नाली सीवर का गंदा पानी खुले में घर बहता है। पार्कों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। शहर में गंदगी का अंबार है। टूटी सड़कें, जर्जर क्रॉस, चरमराई प्रकाश व्यवस्था आदि नगरपालिका की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है । अमृत योजना के तहत आए हुए बजट का आय-व्यय का लेखा-जोखा दिया जाए। ईईएसएल संस्था कार्य नहीं कर रहे स्विच ऑफ नहीं लगाए गए जिस कारण विद्युत की फिजूलखर्ची हो रही है।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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