मेहनत करके विकलांग पालता है पूरा परिवार
मुस्तकीम अहमद/नसीराबाद, रायबरेली। छतोह ब्लॉक में एक विकलांग युवक अपनी मेहनत की कमाई से परिवार के आधा दर्जन सदस्यों का पालन पोषण करता है। कुछ करने का जज्बा और जुनून हो तो विकलांगता आड़े नहीं आ सकती। इसे सिद्ध कर दिखाया है छोटी ओली पुर मजरे संडहा निवासी युवक करन पुत्र जागेश्वर गुप्त ने। एक हाथ से पूरी तरह और पैर से आंशिक रूप से दिव्यांग 25 वर्षीय करन परिवार के आधा दर्जन से भी ज्यादा सदस्यों के भरण पोषण के लिए दिन भर रिक्शा चलाकर आइसक्रीम बेचता है और उसकी आमदनी से घर में खाना बनता बनता है। इसके अलावा वह अपनी छोटी बहन देवकी और भाई श्यामू को कंपोजिट विद्यालय संडहा में पढ़ने भेजता है और उनके भविष्य को संवारने के लिए सजग भी है।उसने कहा कि किसी के सामने हाथ फैलाने के बजाय दिन भर कड़ी धूप में मेहनत करके अपनी कमाई की रोटी खाने और परिवार की जिम्मेदारी निभाने का आनंद ही कुछ और है।
गरीबी है, मुसीबत है फिर भी छोटी बहन और भाई को पढ़ा लिखाकर उनका भविष्य सुधारना चाहता हूं।
पूरे परिवार की परवरिश का जिम्मा भी उसी का है। आय का कोई स्रोत नहीं है, जमीन जायदाद कुछ भी नहीं है। पिता उम्र दराज हैं दिन में बर्फ बेचकर जो भी कमाता है शाम को उसी से राशन लाकर खाना बनता है।करीब 07 वर्ष पूर्व बाएं हाथ और पैर में फालिश का अटैक हो गया था,पैसे के अभाव में इलाज नहीं करा सका था।तीन बार आवेदन करने के वावजूद उसका दिव्यांग प्रमाण पत्र भी नहीं बना और न उसे कोई सरकारी सहायता ही मिली।उसके जज्बे और जुनून को सलाम करते हुए स्थानीय पत्रकारों ने उसकी आर्थिक सहायता करने का निर्णय लिया है।
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