कौए / सम्पूर्णानंद मिश्र
कौए /सम्पूर्णानंद मिश्र आंसू है दु:खी कौओं की आंखों में गहरे सदमे में हैं नहीं ग्रहण किए अन्न का एक भी कण आज दरअसल निरंतर निर्मम प्रहार किया गया है … Read More
कौए /सम्पूर्णानंद मिश्र आंसू है दु:खी कौओं की आंखों में गहरे सदमे में हैं नहीं ग्रहण किए अन्न का एक भी कण आज दरअसल निरंतर निर्मम प्रहार किया गया है … Read More
14 अगस्त / सम्पूर्णानंद मिश्र एक तारीख़ सिर्फ़ नहीं है 14 अगस्त काला अध्याय है इतिहास का जिसकी पंक्तियां पढ़कर खड़े हो जाते हैं आज भी रौंगटे रौंदा गया था … Read More