राष्ट्रीय लोक अदालत में एक लाख से अधिक मुकदमे निस्तारित-जनपद न्यायाधीश
रायबरेली : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण व उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन दीवानी परिसर रायबरेली में किया गया। उक्त कार्यक्रम का उद्धाटन अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/जनपद न्यायाधीश के द्वारा दीप प्रज्जवलन करके किया गया।
जिला जज द्वारा उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए बताया गया कि न्याय व्यवस्था में वादकारियों का हित सर्वोच्च होता है। वादकारियों के मध्य सुलह-समझौते के आधार पर लम्बित मामलों को निपटाने व आमजन को सुलभ व सुगम न्याय उपलब्ध कराने हेतु राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया है।
इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश-कुटुम्ब न्यायालय रवीन्द्र विक्रम सिंह, चेयरमैन-मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण गुरप्रीत सिंह बावा, अध्यक्ष, स्थाई लोक अदालत कृष्णकान्त पाण्डेय, अध्यक्ष, उपभोक्ता फोरम मदन लाल निगम, प्रथम अपर जिला जज ज़ैगम उद्दीन, अपर जिला जज अरुण कुमार मल्ल, अपर जिला जज उदयवीर सिंह (नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत), प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सतीश कुमार मगन व अन्य न्यायिक अधिकारीगण, अपर जिलाधिकारी प्रेम प्रकाश उपाध्याय, सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलेश चन्द्र पाण्डेय, महामंत्री अमरेन्द्र सिंह व विभिन्न बैंक के अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुमित कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में एक लाख से अधिक मुकदमे निस्तारित किये गये। बैंको व फाइनेन्स कम्पनियों के प्री-लिटिगेशन स्तर पर मामले निस्तारित कराये गये तथा मौके पर ही समझौते कराये गये। इस लोक अदालत में अन्य मामलों के साथ-साथ बड़ी संख्या में ई-चालान के मामले, चेक बाउंस(एन0आई0एक्ट) के मामले तथा वैवाहिक विवाद के मामले निस्तारित किये गये। तलाक के मुहाने पर खड़े कई जोड़ों का सुलह-समझौता कराकर वापस भेजा गया।
इसके अतिरिक्त पारिवारिक विवाद के 02 मामलों में बिना मुकदमा दर्ज किये प्री-लिटिगेशन स्तर पर ही समझौता कराया गया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के एवं उत्तराधिकार के मामले बड़ी संख्या में निस्तारित कर उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र निर्गत किये गये। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम न्यायालय द्वारा 35 साल पुराने फौजदारी मामले में पक्षकारों के मध्य समझौता कराकर वाद निस्तारित कराया गया।
दीवानी न्यायालय परिसर में कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए शासन की गाइडलाइन्स का पालन करते हुए लोक अदालत का आयोजन किया गया। आमजन की सहायता के लिए न्यायालय परिसर में कई जगह सहायता पटल व कोविड हेल्प डेस्क बनाये गये थे। राष्ट्रीय लोक अदालत में आने वाले सभी व्यक्तियों के हैण्ड सैनिटाइजेशन व निःशुल्क मास्क वितरण की व्यवस्था की गयी थी।