हर महिला और बच्चे को अधिकार दिलाने को सरकार तत्पर : राखी त्यागी
रिपोर्ट – उपेंद्र शर्मा
- महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए चल रहा मिशन शक्ति का चौथा चरण।
मेरठ, 06 जून, 2022। महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से सोमवार को “जागरूक” मीडिया कार्यशाला का आयोजन एक स्थानीय होटल में किया गया। कार्यशाला की मुख्य अतिथि राज्य महिला आयोग की सदस्य राखी त्यागी ने कहा-सरकार हर महिला और बच्चे को उसका अधिकार दिलाने के लिए तत्पर है।
कोई भी महिला यदि अपराध का शिकार होती है तो सरकार का प्रयास रहता है कि कैसे पीड़िता को जल्द से जल्द मदद उपलब्ध कराई जाए और अपराधी को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाए। उन्होंने कोविड-19 के दौरान मीडिया की सराहनीय भूमिका की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
उप निदेशक, महिला कल्याण विभाग शरद प्रकाश श्रीवास्तव ने विभाग द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रहीं कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी और पत्रकारों का आह्वान किया कि यदि उनके संज्ञान में महिला उत्पीड़न या बाल विवाह का कोई मामला आए तो वह विभाग को जरूर अवगत कराएं।
इसके साथ ही उन्होंने मेरठ मंडल में आने वाले सभी जिलों के जिला प्रोबेशन अधिकारियों के मोबाइल नंबर मीडियाकर्मियों को उपलब्ध कराए।
कार्यशाला में राज्य सलाहकार, महिला एवं बाल विकास (यूनिसेफ) नीरज मिश्रा ने कहा – महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए मिशन शक्ति का चौथा चरण चल रहा है। कोई भी महिला जरूरत पड़ने पर वन स्टॉप सेंटर पर शिकायत कर सकती है। सेंटर पर महिलाओं को चिकित्सा, आश्रय, परामर्श, पुलिस और कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से संचालित मिशन शक्ति अभियान का आयोजन महिलाओं तथा बच्चों के अधिकारों के संरक्षण एवं उनकी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए किया जा रहा है।
सीफार संस्था की नेशनल लीड रंजना द्विवेदी ने कार्यशाला के आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला, साथ ही संस्था के कार्य, उद्देश्य और गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया मिशन शक्ति के चौथे चरण के अभियान के अंतर्गत आयोजित गतिविधियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए “जागरूक” मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
मेरठ के जिला प्रोबेशन अधिकारी अजित सिंह और गाजियाबाद के जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्रा ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रहीं कल्याणकारी योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, महिला शक्ति केंद्र, उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान योजना और स्पॉसरशिप के अलावा सखी वन स्टॉप सेंटर की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया – मेरठ मंडल में 57983 लाभार्थियों को कन्या सुमंगला योजना का लाभ दिया जा चुका है। योजना के तहत छह चरणों में मिलने वाले 15 हजार रुपये मात्र रुपये नहीं हैं बल्कि बालिका जन्म को प्रोत्साहन, स्वास्थ्य को प्रोत्साहन और शिक्षा को प्रोत्साहन का एक जरिया है। मंडल में विगत 3 वर्षों में 161 संभावित बाल विवाह रोके गए हैं।
कार्यशाला में खुले सत्र के दौरान अधिकारियों ने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। एक सवाल के जवाब में डीपीओ गाजियाबाद ने बताया- बजट में देरी होने के कारण मुख्य मंत्री बाल सेवा योजना के लाभार्थियों को भुगतान होने में थोड़ा व्यवधान जरूर आया था लेकिन आगे से लाभार्थियों को नियमित मिलेगा।
साइबर क्राइम संबंधित सवाल पर विभागीय अधिकारी का कहना था कि पुलिस के साथ मिलकर जागरूकता कार्यक्रम संचालित करते हैं। यह विषय सीधे तौर पर पुलिस से ही संबंधित है। कार्यक्रम का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग की खुशबू ने किया। कार्यक्रम में डीपीओ हापुड़ अभिषेक सरोज, प्रभारी डीपीओ बागपत तूलिका, गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर से जिला प्रोबेशन अधिकारियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।