द्राक्षारत्न अलंकरण साहित्यकार डा. सविता चड्ढा को
बुरहानपुर: ताप्ती सृजन पीठ एवं वनमाली सृजन केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में वरिष्ठ साहित्यकार संतोष परिहार का सृष्टि वैभव उत्सव राजस्थान भवन में 11 मार्च 2023 को आयोजित किया गया। इस अवसर पर संतोष परिहार द्वारा अपनी मातुश्री द्राक्षाबाई बजरंगलाल परिहार की स्मृति में द्राक्षारत्न अलंकरण से नई दिल्ली से पधारी डॉ. सविता चड्ढा,वरिष्ठ साहित्यकार को अलंकृत किया गया।
मुख्य अतिथि अर्चना चिटनीस, पूर्व विधायक,साहित्यकार डा.सविता चडढा, विशेष अतिथि तारिका ठाकुर वीरेंद्र सिंह, महापौर माधुरी अतुल पटेल , पूर्व महापौर,अतुल पटेल, डॉ. कल्पना पांडे नवग्रह नोएडा, शरद जैन खंडवा में अपने विचार रखें। सत्र का सफल संचालन संदीप शर्मा निर्मल ने किया। आभार नंदकिशोर जांगड़े ने व्यक्त किया।
उल्लेखनीय है कि द्राक्षा रत्न सम्मान से अलंकृत डॉ. सविता चड्ढा एक संवेदनशील और जागरूक लेखक हैं जिन्होंने साहित्य की विभिन्न विधाओं में लिखकर अपने विशिष्ट पहचान बनाई है। 28 अगस्त, 1953 को जन्मी सविता चड्ढा ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है। एम. ए. अंग्रेजी, एम. ए. हिंदी, के साथ-साथ आपने पत्रकारिता, विज्ञापन और जनसंपर्क में डिप्लोमा और दो वर्षीय कमर्शियल प्रैक्टिस डिप्लोमा, प्रथम डिवीजन में विशेष योग्यता के साथ पास किया है।
आपने 1982 से लेखन कार्य कर अपनी अलग पहचान बनाई हैं। आपकी 50 पुस्तकें (जिनमें 12 कहानी संग्रह, 5 बाल पुस्तकें, 9 लेख संग्रह, 2 उपन्यास, 10 काव्य संग्रह तथा 12 पत्रकारिता पर पुस्तकें) प्रकाशित हो चुकी हैं। आपकी 8 बाल कहानियां एनसीआरटी दवारा पाठ्यक्रम में चयनित हैं।
आपकी लिखित तीन कहानियों पर टेलीफिल्म निर्माण हो चुका है और कई कहानियों पर नाटक मंचन हो चुका है। आप 60 से अधिक कहानियां आकाशवाणी पर पढ़ चुके हैं , वहीं कक्षा 6 ,7 ,8 के पाठ्यक्रम में भी आपकी तीन बाल कहानियों को शामिल किया गया है ।
आपकी कहानियां अंग्रेजी, पंजाबी, उर्दू भाषा में अनुवादित है । आपकी पत्रकारिता की तीन पुस्तकों को दिल्ली विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय और देश के कई पत्रकारिता विश्वविद्यालयों में सहायक ग्रंथों के रूप में शामिल किया गया है और पढ़ाया जा रहा है । आपकी कहानियों पर विश्वविद्यालयों में शोध हो चुका है और हो भी रहा है। आपके व्यक्तित्व और कृतित्व पर कई पुस्तकें और पत्रिकाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। लोक सभा, राज्य सभा टीवी और दूरदर्शन पर “ पत्रिका कार्यक्रम “ में और कई समाचारपत्रों में आपके इंटरव्यू प्रकाशित हो चुके हैं।
(साहित्य सृजन के अलावा आपने देश के प्रतिष्ठित बैंक,पंजाब नेशनल बैंक के राजभाषा विभाग में वरिष्ठ प्रबंधक के रूप में कार्य किया है और दिल्ली बैंक नगर राजभाभाषा कार्यान्वयन समिति के माध्यम हिंदी के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जिसके लिए आपको बैंक ने समय समय पर सम्मानित किया हैं।
केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद् में साहित्य मंत्री के रूप में आपकी सेवाएं और बैंक और देश की कई पत्रिकाओं के संपादन कर अपने हिंदी भाषा की अप्रतिम सेवा भी की है।) आपने कई देशों की साहित्यिक यात्राएं की हैं और विभिन्न विषय पर अपने लेख, व्याख्यान, पर्चे प्रस्तुत किए हैं।
हिंदी अकादमी, दिल्ली का 1987 में साहित्यिक कृति पुरस्कार, हरियाणा साहित्य अकादमी का हरियाणा गौरव सम्मान, वूमेन केसरी, साहित्य गौरव, राष्ट्र रत्न , साहित्य सुधाकर , साहित्य शिखर सम्मान, दिल्ली गौरव के अलावा देश विदेश की 60 से भी अधिक संस्थाओं ने आप को सम्मानित किया है।
बुरहानपुर के ऐतिहासिक राजस्थान सभागार में इस अवसर पर साहित्यकारों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को चार चांद लगा दिए।