एसजेएस में गीत संगीत और नृत्य की सजी महफ़िल, बच्चों ने बांधा समां
- मृदंग संगीत एकाडमी का प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम आयोजित
- प्रमाण पत्र पाकर खिले संगीत के प्रशिक्षणार्थियों के चेहरे
रायबरेली। कचेहरी रोड स्थित एसजेएस पब्लिक स्कूल द्वारा संचालित मृदंग संगीत एकाडमी द्वारा दिये जा रहे पाश्चात्य नृत्य, क्लासिकल नृत्य, गायन और वादन के प्रशिक्षण की समाप्ति पर आज सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर सोमवार देर शाम हुए एक रंगारंग कार्यक्रम में प्रशिक्षणार्थियों ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया।
प्रशिक्षक शिवानी सिंह,दुर्गेश सिंह, राजा शुक्ला, नुसरत शाहबाज़ खान, निर्भय श्रीवास्तव के निर्देशन में प्रशिक्षित बच्चों ने पाश्चात्य नृत्य, शास्त्रीय नृत्य, गायन और वादन के जरिए समां बांध दिया।
इस अवसर पर एसजेएस ग्रुप ऑफ स्कूल्स के चेयरमैन श्री रमेश बहादुर सिंह ने कहा कि संगीत संचार का एक सशक्त माध्यम है। संगीत एक भाषा है जिससे हम किसी भी बात को आसानी से समझा सकते है। महज तीन महीने के कोर्स के बाद सभी बच्चों ने एक प्रोफेशनल की तरह परफॉर्मेंस दी है।मृदंग संगीत अकेडमी के जरिये बच्चों में छिपे हुए टैलेंट को उभारा गया जो काबिले तारीफ है।
प्रधानाचार्य डॉक्टर बीना तिवारी ने कहा कि सभी बच्चों ने इन तीन महीनों में काफी मेहनत की है और आज इन्हें इनकी मेहनत का फल मिला है क्योंकि जो पानी से नहाते हैं वह सिर्फ लिबास बदलते हैं लेकिन जो पसीने से नहाते हैं वह इतिहास बदलते हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन से हुई। इसके बाद स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में ‘आओ तुम्हें चांद पर ले जाएं’ ‘दिल है छोटा सा’, ‘एक प्यार का नगमा है’, ‘छूकर मेरे मन को’, ‘तेरी है जमी’ जैसे गाने प्रस्तुत किए गए इसके अलावा कत्थक नमस्कार, स्वर अलंकार ,एक राधा और एक मीरा शास्त्री नृत्य प्रस्तुत किया गया। बॉलीवुड थीम पर बच्चों ने एक से बढ़कर एक वेस्टर्न डांस परफॉर्मेंस दी। कार्यक्रम में शिव तांडव का भी प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम के अंत मे एसजेएस ग्रुप ऑफ स्कूल्स के सचिव( प्रशासन) अग्रज सिंह ने आए हुए समस्त अभिभावकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सभी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।कार्यक्रम का संचालन जगमोहन सिंह और दुर्गेश सिंह ने किया।उक्त जानकारी संस्थान के जन सम्पर्क अधिकारी मनोज शर्मा ने दी।

दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी