Bachhrawan Assembly Seat : अकेला के भाजपा में शामिल होने के बाद बदल सकते हैं वि.स.बछरावां के राजनीतिक समीकरण

रिपोर्ट – अंगद राही

शिवगढ़,रायबरेलीपूर्व सपा विधायक रामलाल अकेला के भाजपा में शामिल होने से बछरावां विधानसभा (Bachhrawan Assembly Seat) के समीकरण बदल सकते हैं। गौरतलब हो कि अभी बछरावां विधानसभा (Bachhrawan Assembly Seat) का चुनाव त्रिकोणीय माना जा रहा था। यह माना जा रहा था कि कांग्रेस, भाजपा-अपनादल गठबंधन और सपा तीनों के मध्य कांटे की टक्कर होगी, जिसमें अभी तक कांग्रेस को मजबूत स्थिति में माना जा रहा था। किंतु रायबरेली की इस आरक्षित सीट से 2 बार सपा से विधायक रह चुके रामलाल अकेला के भाजपा में शामिल होने से राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। हालांकि जीत किसकी होगी अभी तक दावे के साथ कुछ नही कहा जा सकता। जनता किस दल के नेता को अपना विधायक चुनती हैं यह भविष्य के गर्भ में छुपा है।

बछरावां विधानसभा का चुनाव त्रिकोणीय माना जा रहा है

ज्ञात हो कि वर्ष 2017 में कांग्रेस- सपा का गठबंधन होने के चलते यह सीट कांग्रेस खाते में चली गई थी। जिसके चलते सपा से दो बार विधायक रह चुके रामलाल अकेला को वर्ष 2017 में सपा से टिकट नही मिला था और उन्होंने सपा के शीर्ष नेतृत्व की बगावत करते हुए रालोद पार्टी से चुनाव लड़ा था, किंतु उन्हे सफलता हाथ लगी थी। रालोद से चुनाव हारने के बाद रामलाल अकेला पुनः सपा के साथ मिलकर सपा की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने के साथ ही पिछले 5 वर्षों से लगातार जनता से जनसम्पर्क कर रहे थे किंतु सपा के शीर्ष नेतृत्व ने अकेला को तगड़ा छटका देते हुए नकार दिया और सपा से टिकट एक बार बसपा से विधायक रह चुके श्यामसुन्दर भारती को दे दिया। सपा से टिकट कटने के बाद पूर्व विधायक रामलाल अकेला ने सपा की बगावत फिर से शुरू कर दी थी। जिन्होंने मंगलवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय पहुंचकर डिप्टी दिनेश शर्मा, लक्ष्मीकांत बाजपेई, कौशल किशोर के नेतृत्व में भाजपा की सदस्यता ले ली। अकेला के भाजपा में शामिल होने से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।

अब देखना यह दिलचस्प होगा कि उनके सपा में रहते हुए जो समर्थक उनके कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ खड़े रहते थे, उनकी जय-जयकार करते थे उनमें से कितने लोग सपा की बगावत करके भाजपा में शामिल होते हैं और उनके कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े होते हैं, यह तो आने वाला वक्त बताएगा। फिलहाल अकेला के भाजपा में शामिल होने के बाद माना जा रहा है कि भाजपा- अपना दल गठबंधन मजबूत स्थिति में पहुंच चुका है। अकेला के भाजपा में शामिल होने से विपक्षी पार्टियों की मेहनत बढ़ गई है, जीत के लिए उन्हें जनता के बीच मजबूत पैठ और अच्छी पकड़ बनानी पडे़गी। इसके साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी सुशील पासी, सपा प्रत्याशी श्यामसुन्दर भारती, बसपा प्रत्याशी लाजवंती कुरील को यह ध्यान देना पड़ेगा कि उनके समर्थकों एवं पार्टी के कैडर वोट के बीच कोई सेंध न लगा पाए।

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