कलयुगी माँ की करतूत नवजात को नाले में फेंक हुई फरार,इस महिला ने बचाई नवजात की जान
रिपोर्ट – मुन्ना सिंह
बाराबंकी : हैदरगढ़ के राष्ट्रीय इण्टर कालेज मेन गेट के समाने नाले में मंगलवार को तड़के एक कलयुगी मां अपने नवजात शिशु को लोक लज्जा के डर से रात के अंधेर में नाले में फेक कर गायब हो गई। सुबह रास्ते से जा रहे एक बच्चे की नजर जब नाले में पड़े शिशु पर गई तो वह घबरा गया और भागकर सीएचसी हैदरगढ़ में कैंटीन चला रहे आनंद वर्मा से सारी बात बताई जिसके बाद कैंटीन संचालक व उनकी पत्नी मीना सहित कई लोग पहुंच और देखा कि एक नवजात बच्ची नाले में पड़ी हुई है उसके शरीर में कांटे चीटियां और मच्छर चिपके हुए थे।
उक्त नजारा देख कैंटीन संचालक की पत्नी मीना बिना देर किए नाले से बच्ची को बाहर निकाला और अपने सीने से चिपका दौडती हुई कैंटीन पर ले आई और गर्म पानी से साफ करने के बाद नवजात को सीएचसी में मौजूद अधीक्षक डाक्टर मुकुंद पटेल के पास ले गई और उपचार करवाने के बाद उक्त मामले की जानकारी कोतवाली पुलिस सहित चाइल्ड लाइन को दे दी। नाले में नवजात शिशु मिलने की खबर क्षेत्र के लोगों को होने के बाद सीएचसी परिसर लोगों का तांता लगा गया और उस निर्दयी कलयुगी मां को कोसने लगे जो नाले में फेक कर गई।
वही कैंटीन संचालक की पत्नी मीना नवजात को पाकर बहुत खुश थी उनका कहना था मेरे एक पुत्र और एक पुत्री थी लेकिन ईश्वर आज हमे भेंट में एक पुत्री और दे दी है। मै इसे अपने बच्चे की तरह पालन पोषण करूंगी। वही नवजात को लेने के लिए क्षेत्र के कई लोग आगे आये लेकिन मीना अपनी बात पर अड़ी रही और किसी एक कि भी बात नही मानी। वही इस सम्बन्ध में अधीक्षक डा. मुकुंद पटेल का कहना था कि नवजात शिशु लगभग 4 से 5 घंटे के अंतराल में जन्मा था और सही समय पर ही उपचार मिल गया अब वह खतरे से बाहर है। अगर कोई नवजात को गोद लेना चाह रहा है तो जो भी विधिक प्रक्रिया है उसको पूरा करने के बाद ही उसको दिया जा सकता है ।