ब्रेन स्ट्रोक से संबंधित सीमहैंस हॉस्पिटल में कार्यशाला का हुआ आयोजन
रायबरेली- रविवार को सीमहैंस हॉस्पिटल रायबरेली में ब्रेन स्ट्रोक से संबंधित एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें लखनऊ से रोशनी राजवंशी न्यूरो फिजिशियन डॉ अनुपम जायसवाल सीमहैंस हॉस्पिटल के निदेशक डॉ मनीष चौहान ने इस कार्यशाला में अपनी बातों को रखा रोशनी राजवंशी जी ने ब्रेन स्ट्रोक से संबंधित इस कार्यशाला में ब्रेन स्ट्रोक क्यों होता है उसके लक्षण क्या होते हैं ब्रेन स्ट्रोक के समय हमें क्या करना चाहिए और अस्पताल में हमें मरीज के साथ किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और मरीज को हम कितनी जल्दी कितनी बेहतर स्थिति प्रदान कर सकते हैं इन बातों पर चर्चा की गई डॉ अनुपम जायसवाल ने बताया ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण दिखते ही तुरंत पहुंचे अस्पताल देरी पड़ सकती है
भारी उन्होंने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक दो प्रकार का होता है पहला ब्लड क्लॉट्स और दूसरा होता है ब्रेन हेमरेज । ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों में सिर में काफी तेज दर्द होता है मरीज सही प्रकार से बोल नहीं पाता उसकी जुबान लड़खड़ा नहीं लगती है और शरीर सुन्न होने लगता है यदि आप इस रोग के पहले लक्षणों के 3 घंटों के भीतर अस्पताल पहुंचते हैं तो आपको रक्त के थक्के को तोड़ने के लिए एक प्रकार की दवा मिल का सेवन सकती है जिसे थंमबोलाइटिक कहा जाता है डॉक्टर मनीष चौहान ने बताया ब्रेन स्ट्रोक के मरीज में शुरुआत के 3 से 4 घंटे काफी महत्वपूर्ण होते हैं जिन लोगों को हाई बीपी रहता है डायबिटीज है और अधिक मात्रा में शराब और सिगरेट का सेवन करते हैं ऐसे लोगों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है इसलिए जरूरी है कि ऐसे लोग इन चीजों से परहेज रखें और समय-समय पर अपनी जांच कराते रहें रोशनी राजवंशी जी ने ब्रेन स्ट्रोक और थंमबोलाइटिक से संबंधित सभी बिंदुओं पर चित्रों और वाइस मीडिया के माध्यम से लोगों को भलीभांति अवगत कराया और उन्हें उचित जानकारी प्रदान की इस अवसर पर सीमहैंस हॉस्पिटल के निदेशक डॉ मनीष चौहान डॉक्टर ओमिका चौहान विख्यात न्यूरो फिजिशियन डॉक्टर अनुपम जयसवाल रोशनी राजवंशी एवं सीमहैंस हॉस्पिटल के सभी लोग उपस्थित थे
अनुज मौर्य रिपोर्ट