जन जागरूकता रैली निकालकर मनाया विश्व जनसंख्या दिवस
रिपोर्ट – उपेंद्र शर्मा
- परिवार को सीमित रखने के लिए बास्केट ऑफ़ च्वाइस का विकल्प : सीएमओ
- जनसंख्या स्थिरता अभियान शुरू, 31 जुलाई तक चलेगा
बुलंदशहर : विश्व जनसंख्या दिवस सोमवार को परिवार नियोजन परामर्श दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय प्रांगण में जन जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। रैली में समुदाय को छोटे परिवार के बड़े फायदे के बारे में सन्देश दिया गया। रैली का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीके सिंह, कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रोहताश यादव ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर किया। इस वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस की थीम ‘परिवार नियोजन का अपनाओ उपाय- लिखो तरक्की का नया अध्याय’ है। सोमवार से जनसंख्या स्थिरता अभियान भी शुरू हुआ। यह अभियान 31 जुलाई तक चलाया जाएगा।
जनजागरूकता रैली को रवाना करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीके सिंह ने कहा कि परिवार की खुशहाली, शिक्षा, स्वास्थ्य और तरक्की तभी संभव है, जब परिवार सीमित होगा। विकास के उपलब्ध संसाधनों का समुचित वितरण और बढ़ती जनसंख्या दर के बीच संतुलन कायम करने के उद्देश्य से आज सबसे अधिक जरूरत जनसँख्या स्थिरीकरण की है। परिवार को सीमित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास बास्केट ऑफ़ च्वाइस का विकल्प मौजूद है, जिसमें स्थायी और अस्थायी साधनों को शामिल किया गया है। इन अस्थायी साधनों में से अपनी पसंद का साधन चुनकर शादी के दो साल बाद ही बच्चे के जन्म की योजना बना सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर भी रख सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखना मां और बच्चे दोनों की बेहतर सेहत के लिए बहुत जरूरी है। जब परिवार पूरा हो जाए तो स्थायी साधन के रूप में नसबंदी का विकल्प चुन सकते हैं ।
इस अवसर पर डॉ. रोहताश यादव ने बताया कि समुदाय में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता लाने के लिए फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं के माध्यम से दो चरणों में परिवार नियोजन पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसके पहले चरण में 27 जून से 10 जुलाई तक दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा मनाया गया, जिसके तहत लक्षित दम्पति को चिन्हित कर परिवार नियोजन साधनों को अपनाने के प्रति प्रेरित किया गया। जनसँख्या स्थिरता अभियान सोमवार से शुरू हुआ, जो 30 जुलाई तक चलेगा । इसके तहत लक्षित दम्पति को सेवा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के बारे में किशोर-किशोरियों को भी जागरूक करने की जरूरत है ताकि भविष्य में वह सही समय पर सही कदम उठाने के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकें।