Guru purnima 2022 इस बार क्यों है खास
Guru purnima 2022 इस बार क्यों है खास
वैसे तो गुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है इसका महत्व इसलिए और भी ज्यादा है क्योंकि इस दिन गुरु की एक प्रकार से पूजा की जाती है हिंदू धर्म के अनुसार गुरु का महत्व भगवान से बढ़कर है और गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हर साल गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है इसी दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म भी हुआ था हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार गुरु पूर्णिमा को भाग्योदय अतिथि के रूप में भी मनाया जाता है।
इस बार की गुरु पूर्णिमा क्यों है खास जरूर जाने
लेकिन वास्तव में ज्ञान देने वाला शिक्षक बहुत आंशिक अर्थों में गुरु होता है. गुरु होने की तमाम शर्तें बताई गई हैं जिसमें 13 शर्तें प्रमुख हैं. शांत, दान्त, कुलीन,विनीत, शुद्धवेषवाह, शुद्धाचारी, सुप्रतिष्ठित, शुचिर्दक्ष, सुबुद्धि, आश्रमी, ध्याननिष्ठ, तंत्र-मंत्र विशारद और निग्रह-अनुग्रह. गुरु की प्राप्ति होने के बाद प्रयास करना चाहिए कि उसके दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए।
भूलकर भी गुरु पूर्णिमा के दिन ना करें यह काम
गुरु पूर्णिमा के दिन घर की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए इस दिन भूलकर भी घर में गंदगी नहीं होनी चाहिए।
गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर किसी के भी साथ कठोर व्यवहार नहीं करना चाहिए किसी को भी कठोर शब्द भी नहीं बोलनी चाहिए खासकर किसी के साथ झगड़ा लड़ाई तो कतई नहीं होनी चाहिए।
गुरु पूर्णिमा के दिन किसी भी बुजुर्ग व्यक्ति या किसी स्त्री का अपमान नहीं करना चाहिए यानी कि उनके सम्मान के खिलाफ कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए ऐसा करने से गुरु नाराज होते हैं और उसका दुष्प्रभाव हमारी जिंदगी में पड़ता है तो इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
आषाढ़ मास में होने वाली गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर किसी भी प्रकार का तामसी भोजन कतई नहीं करना चाहिए मांस मदिरा से तो बहुत ही दूरी बना कर रखना चाहिए अगर कोई ऐसा करता है तो उसका बहुत ही दुष्प्रभाव पड़ता है
आषाढ़ की गुरु पूर्णिमा को करेंगे उपाय होगा चमत्कार
गुरु पूर्णिमा के दिन सायंकाल चंद्रमा के दर्शन से अत्यंत लाभ मिलता है उस दिन चंद्रमा के दर्शन अवश्य करने चाहिए दर्शन के उपरांत गंगाजल और दूध मैं अक्षत मिलाकर चंद्रमा को जल चढ़ाएं यानी अर्ध दें ऐसी मान्यता है कि यह उपाय करने से चंद्र दोष दूर हो जाते हैं लेकिन यहां पर यह बात भी ध्यान देने योग्य है की अर्थ देने के उपरांत चंद्र देव को प्रिय मंत्र ॐ सौं सोमाय नमः मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए
गुरु पूर्णिमा के दिन एक विशेष मान्यता यह भी है की पीपल की जड़ों में अगर मीठा जल चढ़ाया जाता है तो लक्ष्मी मां प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर अपार कृपा दृष्टि रखती हैं उनके ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर एक विशेष प्रकार की मान्यता और भी है अगर कोई भी दांपत्य यानी पति पत्नी साथ मिलकर गाय के दूध का अर्थ चंद्रमा को दें वह दर्शन करें तो उनका दांपत्य जीवन खुशियों भरा हो जाता है।
गुरु पूर्णिमा के विशेष अवसर पर घर के आंगन में तुलसी के पौधे के सामने शुद्ध देसी घी से दीपक अवश्य जलाना चाहिए ऐसा करने से तुलसी मां लक्ष्मी मां दोनों प्रसन्न होती हैं और सौभाग्य भी प्राप्त होता है ऐसी मान्यता है।
बिगड़े कार्यों को बनाने में यह टोटका बहुत असरदार है
कई बार ऐसा देखा गया है कि बनते बनते कार्य आखिर तक बिगड़ ही जाते हैं तो अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है तो गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर भगवान श्री कृष्ण श्रीहरि की पूजा साथ में करें और इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि सामने अवश्य होना चाहिए और ऐसा करने के उपरांत आप अपने मन की बात जलते हुए दीपक के सामने कह दे तो ऐसी मान्यता हैकि बिगड़े हुए काम तुरंत बनने लगते है असफलता सफलता में बदल जाती है इसके अलावा पृथ्वी पर साक्षात भगवान के रूप में एकमात्र सूर्यदेव ही विराजमान है उन को जल चढ़ाने का पुनीत कार्य इस दिन प्रारंभ करने से बहुत लाभ मिलता है ऐसी भी मान्यता है।
यह उपाय दिलाता है गुरु दोष से छुटकारा होते हैं चमत्कारी लाभ
गुरु पूर्णिमा के दिन एक और मान्यता है जो बहुत कारगर भी हो सकती है गुरु दोष है तो गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर बृहस्पति मंत्र का जब कर ले तो आपका गुरु दोष ठीक हो जाएगा बृहस्पति मंत्र हैॐ ब्रम बृहस्पतए नमः यह मंत्र आपको अपनी श्रद्धा के अनुसार जब करना चाहिए इसको श्रद्धा अनुसार 1008 151 108 51 21 11 जो भी श्रद्धा हो उसके अनुसार इसको करना चाहिए ऐसी मान्यता है कि इस का जप करने से गुरु दोष पूरी तरीके से ठीक हो जाता है और जीवन में प्रगति का मार्ग सुनिश्चित हो जाता है इसके अलावा एक मान्यता और भी है जिसका विशेष लाभ जीवन में प्राप्त होता है गुरु पूर्णिमा के दिन अगर गायत्री मंत्र ॐ भूर्भुवः स्व:तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न:प्रचोदयात मंत्र का अपनी श्रद्धा अनुसार 501 251 201 108 माला जब अवश्य करना चाहिए यह करने से अप्रत्याशित लाभ प्राप्त होते हैं।
विद्यार्थी करें यह उपाय अवश्य मिलेगा लाभ
जिन विद्यार्थियों को अपने पठन-पाठन में कोई भी दिक्कत आ रही है तो उन विद्यार्थियों के लिए यह उपाय विशेष कार्य है वैसे तो कोई भी विद्यार्थी इस उपाय को अगर करता है तो उसको बड़ा लाभ प्राप्त होता है गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व के अवसर पर अगर कोई विद्यार्थी गीता का पाठ करता है अगर पूरा पाठ करना संभव ना हो तो एक अध्याय भी पाठ किया जा सकता है अगर यह भी संभव ना हो तो भगवान मुरारी यानी कि भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करनी चाहिए लेकिन यहां पर यह ध्यान देने वाली बात है की पूजा अर्चना विधिवत तरीके से होनी चाहिए पूजा अर्चना के बाद भगवान श्री कृष्ण की परम प्रिय गाय की सेवा अवश्य करनी चाहिए ऐसी मान्यता है कि कोई विद्यार्थी अगर ऐसा करता है तो कन्हैया जी अति प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा दृष्टि विद्यार्थियों के जीवन में आने वाली सभी समस्याओं को क्षण में दूर कर देती है और उन्हें सफलता का नया मंत्र मिलता है और उन्हें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है ऐसी मान्यता है।
गुरु की पूजा कैसे करनी चाहिए
गुरु पूर्णिमा गुरु के लिए विशेष होती है और गुरु का स्थान जीवन में भगवान से भी बढ़कर है इस दिन जिनके गुरु जीवित हैं उनका भरपूर सम्मान पूर्वक पूजन करना चाहिए गुरु के पास जरूर पहुंचना चाहिए और उनका पूरी श्रद्धा एवं भाव से पूजन करना चाहिए दुर्भाग्यवश अगर किसी के गुरु इस संसार में नहीं है तो आप उनको श्रद्धा सुमन अर्पित कर सकते हैं यानी कि उनकी तस्वीर पर फूल माला व अन्य चीजें चढ़ाकर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित कर सकते हैं और उनका ध्यान करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता अर्पित कर सकते हैं यदि संभव हो तो तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है यानी कि सोशल मीडिया के सहारे उनकी मदद से गुरु के लाइव दर्शन किए जा सकते हैं और उनसे आशीर्वाद भी प्राप्त किया जा सकता है गुरु पूर्णिमा के विशेष दिन अपने गुरु को यथाशक्ति दक्षिणा अवश्य देनी चाहिए यह करने से गुरु प्रसन्न होते हैं गुरु दक्षिणा में फल फूल वस्त्र मुद्रा आदि कुछ भी हो सकता है जो आपके प्रसन्न मन से दिया जाए।