फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखकर भावुक हुए दर्शक नही रोक पाए आंशू
● दर्शकों ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ परिवार को दिखाने और दूसरों को देखने के लिए प्रेरित करने का लिया संकल्प
● फिल्म देखने के बाद बाहर निकले दर्शकों ने लगाए भारत माता की जय, वंदेमातरम के नारे
लखनऊ। पिछले 18 वर्षों से नवजात शिशुओं एवं माताओं की सम्मानजनक देखभाल करके उन्हें नया जीवनदान देती चली आ रही कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब सक्षम शिवगढ़ के संस्थापक डॉ. विश्वजीत कुमार व सीईएल की सीईओ मुख्य कार्यकारी अधिकारी वैज्ञानिक आरती कुमार,सीईएल के उपाध्यक्ष,वित्त हितेश महाजन के व्यक्तिगत सौजन्य से सक्षम कार्यकर्ताओं एवं देश के प्रति हमेशा चिंतित रहने वाले सीईएल परिवार से जुड़े 40 लोगों को कश्मीरी पण्डितों के दर्द पर आधारित फिल्म द कश्मीर फाइल्स देखने का अवसर प्राप्त हुआ। जिसके लिए सभी ने सीईएल के संस्थापक डॉ. विश्वजीत कुमार, सीईओ वैज्ञानिक आरती कुमार,उपाध्यक्ष हितेश महाराज के प्रति आभार प्रकट किया।
राजधानी लखनऊ के प्लासियो में द कश्मीर फाइल्स देखकर सभी इतना भावुक हो गए कि उनकी आंखों से आशू बहने लगे। फिल्म देखकर बाहर निकले सभी भारत माता की जय, वंदेमातरम् के नारे लगाने लगे। गौरतलब हो कि पिछले 18 वर्षों से अधिक समय से सीइएल की वैज्ञानिक सलाह एवं तकनीकी सहयोग से यूपी में बचपन खिलखिला रहा है। सीईएल के सार्थक प्रयास से आज यूपी ही नहीं भारत देश के साथ ही विश्व के कोने- कोने में केएमसी का ढंका बज रहा है। केएमसी के जादुई करिश्मे से लो बर्थ वेट एवं समय से पूर्व जन्मे अपरिपक्व नवजात शिशुओं का तीव्र गति से शारीरिक एवं मानसिक विकास हो रहा है। इतना ही नही सीईएल क्षेत्र के छात्र-छात्राओं, युवाओं,खिलाड़ियों, व्यापारियों और विभिन्न व्यवसायों से जुड़े लोगों को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहता है। हर साल हांडकपाती ठण्ठ में लोगों को शीतलहर से बचाने के लिए सक्षम शिवगढ़ द्वारा सैकडों जरुरतमन्दों को कंबल देकर सहायती की जाती है। ऐसे में बुधवार को सीईएल के संस्थापक डॉ.विश्वजीत कुमार,सीईओ वैज्ञानिक आरती कुमार,उपाध्यक्ष,वित्त हितेश महाजन ने अपने पास से 40 सक्षम कार्यकर्ताओं एवं सक्षम परिवार से जुड़े लोगों को राजधानी लखनऊ के इकाना स्टेडियम के पास स्थित प्लासियों में द कश्मीर फाइल्स दिखाकर एक सराहनीय कार्य किया है। फिल्म देखने के बाद आचार्य भद्रपाल सिंह ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन की सच्ची ऐतिहासिक घटना पर आधारित फिल्म है। इस फिल्म में कश्मीरी पंडितों के दर्द की स्पेशल स्क्रीनिंग की गई है। जिसे देख मैं और हमारे साथ आए लोग अपने आंशू रोक नही पाए। उन्होंने कहा कि 1990 में हुआ कश्मीरी नरसंहार भारतीय राजनीति का एक अहम और संवेदनशील मुद्दा है। वहीं कवि जमुना प्रसाद पाण्डेय अबोध,हरिवंश द्विवेदी,अनूप शुक्ला,सीता,मीनू,दिलीप अवस्थी ने बताया अपने ही देश में अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए कश्मीरी पंडितों के बलिदान, असहनीय पीड़ा और संघर्ष की सच्चाई इस फिल्म के माध्यम से पूरी दुनिया के सामने आई है,जो एक बहुत ही प्रशंसनीय प्रयास है। जिसके लिए निर्देशक विवेक अग्निहोत्री के साथ ही भारत सरकार भी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि विवेक अग्निहोत्री ने कश्मीरी पंडितों के दर्द को पर्दे पर दिखाकर बहुत ही साहस का काम किया है। फिल्म देखने के बाद वापस लौटते समय सभी भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। सभी ने संकल्प लिया कि वे अपने परिवार को ये फिल्म दिखाने के साथ ही दूसरों को भी फिल्म देखने के लिए प्रेरित करेंगे।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी