ममता माँ की ममता की ताकत से हार गए वनराज

रिपोर्ट:-राजकुमार गौतम

उमरिया। कहते हैं कि भगवान हमारी हर जगह रक्षा नहीं कर सकता, इसलिए उसने मां को बनाकर भेजा है। मां सभी दुखों और कष्टों से लड़कर भी अपने बच्चे की हिफाजत करती है। उमरिया जिले से एक ऐसी ही मां की कहानी सामने आई है, जिसने अपने 15 माह के बेटे की जान बचाने के लिए खूंखार बाघ से भिड़ गई। निहत्थी मां के पूरे शरीर को बाघ नोंचता रहा लेकिन निहत्थी मां ने हार नहीं मानी और बाघ के जबड़े से 15 माह के बेटे को बचा ले आई।

दरअसल उमरिया जिले के मानपुर थानांतर्गत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बसे ग्राम रोहनिया में सुबह-सुबह सबकुछ सही था। सब ग्रामीण अपने काम में मश्गूल थे। इसी दौरान 10 बजे भोला प्रसाद के घर के पीछे झाड़ियों में छिपे बाघ ने अचानक हमल कर 15 माह के राजबीर को अपने जबड़े में जकड़कर ले जाने लगा।

ये देखकर वहीं मौजूद बच्चे की मां अर्चना अपनी जान की परवाह किए बिना बाघ से भिड़ गई। बच्चे को छोड़कर बाघ ने अर्चना पर हमला कर दिया। बाघ ने अपने दांत से अर्चना के शरीर को नोंचता रहा। बावजूद इसके मर्दानी मां बाघ से भिड़ती रही। अंततः मां की ममता के आगे बाघ का जबड़ा कमजोर पड़ गया और बाघ मां की ममता के आगे हार मानेत हुए भाग खड़ा हुआ।

घटना में 15 माह के राजबीर को सिर और कमर में बाघ के दांतों से चोट आई। बच्चे की मां अर्चना को भी पूरे शरीर मे बाघ के दाँत के निशान है। ग्रामीणों ने दोनों घायलों को मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भर्ती किया। हालत गंभीर होने के कारण दोनों को उमरिया जिला अस्पताल रेफर कर दिया। फिलहाल दोनों का इलाज चल रहा है। दोनों की स्थिति खतरे से बाहर है।

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