इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं …लक्ष्मण
शिवगढ़,रायबरेली। क्षेत्र के पहाड़पुर गांव में आयोजित श्री कुड़वावीर बाबा के चार दिवसीय ऐतिहासिक धनुष यज्ञ मेले में तीसरे दिन धनुष भंग,सीता स्वयंवर, परशुराम लक्ष्मण संवाद का भव्य मंचन किया गया। जिसमें भगवान श्रीराम ने धनुष में प्रत्यंचा चढ़ाकर सीता स्वयंवर में मौजूद राजाओं-महाराआओं को आश्चर्यचकित कर दिया।
धनुष भंग होते ही भगवान श्रीराम के जयकारों से समूचा मेला प्रांगण गूंज उठा। धनुष भंग के पश्चात सीता स्वयंवर,लक्ष्मण परशुराम संवाद का अद्भुत एवं जीवंत मंचन किया गया। भगवान परशुराम के संवाद सुनकर लक्ष्मण जी ने लक्ष्मण जी अपनी वीरता और अभिमान का परिचय देते हुए कहते हैं कि इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं … उन्होंने कहा कि हम भी कोई कुम्हड़बतिया नहीं है जो किसी की भी तर्जनी देखकर मुरझा जाएँ।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी