सियार को पकड़ने में वन विभाग की मिली को नही मिली सफलता
खेतों, खलिहानों, बागों में सियारों की तलास करती रही वन विभाग की टीम
शिवगढ़,रायबरेली। क्षेत्र के ग्राम पंचायत रामपुर टिकरा, ग्राम पंचायत ओसाह में दूसरे दिन भी सुबह से शाम तक वन विभाग की टीम और ग्रामीण खेतों, खलिहानों एवं बागों में सुबह से शाम तक सियारों की तलास में जुटे रहे किन्तु एक भी सियार दिखाई नही पड़ा। सियारों के न मिलने ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि जिस प्रकार से बीते दिनों सियारों ने ग्रामीणों,राहगीरों और मवेशियों पर हमला करके उन्हे जख्मी किया है, यदि हमला करने वाले सियारों में रेबीज के लक्षण रहे होंगे तो चिन्ता का विषय है क्यों कि इन सियारों ने अन्य सियारों को भी काटा होगा जिससे वे सियार भी पागल हो सकते हैं। वन क्षेत्राधिकारी नावेद सिद्दीकी ने बताया कि गांव में चार सदस्यीय वेतनभोगी टीम के साथ ही आधा दर्जन से अधिक दैनिक वेतन कर्मचारी तैनात हैं दूसरे दिन बुधवार को भी रामपुर टिकरा, गुलाब सिंह का पुरवा, अकोहरी, ओसाह, पूरे छत्ता, हुसैनगंज आदि गांवों में खेतों और बागों में सियारों की तलाश की गई किन्तु एक भी सियार नहीं मिला। सियारों को पकड़ने के लिए खोज जारी है इसके साथ ही लगातार ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है।
रामपुर टिकरा- हुसैनगंज सम्पर्क मार्ग है सियारों का हब
पूरे छत्ता के रहने वाले कप्तान सिंह ने बताया कि रामपुर टिकरा हुसैनगंज सम्पर्क के किनारे स्थित उनके खेत में तीन माह पूर्व गन्ने के खेत में सियारिन ने 2 बच्चों को जन्म दिया था जो छोटे से ही उनके पोल्ट्री फार्म पर पानी पीने आया करते थे। जो इंसानों के साथ ही कुत्तों को बिल्कुल नहीं डरते थे। जिनमें से एक 2 माह पूर्व पगला गया था। राह चलते लोगों को काटने दौड़ने लगता था एक दिन एक बाबा की लाठी सियार के बच्चे ने मुंह में भर ली थी, जिसकी उसी दिन मौत हो गई थी। दूसरा साइकिल, मोटरसाइकिल सवारों को दौड़ा लेता था, दौड़कर साइकिल के टायर मुंह में भर लेता था, उसी ने उनके कुत्तों को काटा था। मंगलवार से सियार का दूसरा बच्चा दिखाई नहीं पड़ा है हो सकता है रामपुर टिकरा में मंगलवार की सुबह जो मृत अवस्था में सियार का बच्चा मिला है वही हो।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी