आई फ्लू से बचने के लिए बरतें एहतियात : डॉ. प्रेमशरन

  • शिवगढ़ सीएससी में तैनात चिकित्साधिकारी ने बताए आई फ्लू से बचाव के उपाय

शिवगढ़,रायबरेली। वर्तमान समय में आई फ्लू तेजी से फैल रहा है जिसके संक्रमण से बचने के लिए घबराने की नहीं एहतियात बरतनी की जरूरत है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवगढ़ में तैनात चिकित्साधिकारी डा.प्रेम शरण ने आई फ्लू के लक्षण बताते हुए इससे बचने के उपाय बताएं। उन्होंने बताया कि यदि आंखें लाल हैं, आंखों से पानी आ रहा है, दर्द या जलन हो रही है, आंखों में गणन है तो इसका मतलब आई फ्लू ने आपको जकड़ लिया है। बारिश और बाढ़ के मौसम में आजकल पिंक आई या कंजक्टिवाइटिस आम समस्या बन गई है जिसे आई फ्लू कहते हैं। यह एक प्रकार का वायरल इंफेक्शन है।

जो आंखों को प्रभावित करता है इसकी चपेट में आने से कई तरह की परेशानी होती है। लेकिन सप्ताह भर में अपने आप ठीक हो जाती हैं। यह एक कॉमन फ्रेक्शन है इससे ना तो नजर कमजोर होती है और ना ही अंधेपन का खतरा रहता है। यह ऐसी बीमारी है जो सीधे सम्पर्क में आने से तेजी से फैलती है। इसलिए भीड़ में, सार्वजनिक वाहन से सफर करने के दौरान इस बीमारी के चपेट में आने की पूरी आशंका बनी रहती है।

इस बीमारी की चपेट में आने से आंखें लाल हो जाती हैं, आंखों में खुजली, आंखों में गणन, जलन,ज्यादा आंसू आना, पलकों में सूजन,पलके आपस में चिपक जाती हैं और आंखों में जाला जैसा महसूस होता है। यहां तक कि आंखों से खून भी आ सकता है‌। चिकित्साधिकारी डॉ.प्रेम शरन ने बताया कि आई फ्लू से बचने के लिए एहतियात बरतने की जरूरत है। इसके लिए हाथों की साफ-सफाई का ध्यान रखें।

आई फ्लू के ट्रांसमिशन को रोकने के लिए हाथों को कम से कम 20 सेकण्ड तक साबुन से धुलें। सार्वजनिक वाहन में सफर करते समय गेट का हैंडिल,सीट आदि हाथों से छूने से बचें। हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें,अपने हाथों से आंखों को ना छुएं, साफ तौलिए या टिशू पेपर का प्रयोग करें। रुमाल एवं तौलिए को किसी के साथ साझा ना करें। काजल एवं आंखों के सौंदर्य प्रसाधन को साझा ना करें।

बच्चों के स्कूल बैग में सैनिटाइजर रखें और उन्हें प्रयोग करने के लिए बोले। साफ कपड़े पहनने के साथ ही तकियों के कवर हर दूसरे दिन धुलें दूसरे के द्वारा इस्तेमाल किए गए तकिए का कबर बदल कर ही तकिए का प्रयोग करें।

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