बदलते मौसम में सेहत का रखें ख्याल : सीएमओ

  • चिकित्सक की सलाह से ही लें सर्दी, खांसी व बुखार की दवा
  •  तबियत खराब होने पर पंजीकृत चिकित्सक से लें उपचार

उपेंद्र शर्मा /बुलंदशहर। मौसम बदलते ही अधिकतर लोग सर्दी, खांसी व बुखार की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनय कुमार सिंह ने जनपद के लोगों से अपील की है कि बुखार होने पर चिकित्सक से परामर्श कर दी दवा का सेवन करें। लोगों को सर्दी, खाँसी व ज़ुकाम जैसी समस्याओं को नजरअंदाज न करें, तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने बताया- मौसम बदलते ही सर्दी जुकाम और बुखार शुरू हो जाता है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही से लोग बीमार हो जाते हैं। जनपद में वायरल, फ्लू, डेंगू, टाइफाइड आदि बढ़ रहा है। ऐसे में गले में जकड़न और बदन टूटने के साथ वायरल बुखार शरीर पर हमला करता है। इसकी वजह से कई तरह के बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इसका असर एक सप्ताह से अधिक समय तक रह सकता है। बच्चों में डायरिया व टाइफाइड के ठीक होने में काफी समय लगता है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों के लिए कोई भी बुखार ज्यादा परेशानी वाला साबित होता है । कोरोना, डेंगू मलेरिया व बुखार के लक्षण मिलते जुलते होते हैं। इसलिए खुद से इलाज करने की बजाय तुरंत मान्यता प्राप्त पंजीकृत चिकित्सक को दिखाना चाहिए।

जिला पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डा. रमित कुमार ने बताया मौसम बदलने के साथ ओपीडी में सर्दी, जुकाम, खांसी सहित अन्य तमाम बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है। सुबह-शाम पूरी बाजू के कपड़े पहनें, घर के आसपास साफ सफाई का ध्यान रखें, सोते समय मच्छरदानी का अवश्य प्रयोग करें। ऐसे में सर्दी, जुकाम आदि होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर परामर्श कर उपचार लें।

खुद न बनें डॉक्टर

एसएस जटिया अस्पताल खुर्जा के फिजिशियन डॉ. दिनेश ने कहा – इंटरनेट पर दवाओं के नाम पढ़ कर खुद का इलाज करना बहुत खतरनांक साबित हो रहा है। चिकित्सक मरीज की प्रवृत्ति, लक्षणों को समझने के बाद उपचार शुरू करता है, मगर कुछ लोग एक ही दवा को सब के लिए कारगर मानते हैं । यह लोग मेडिकल स्टोर से दवा खरीदकर खाते रहते हैं। पेन किलर खाने की आदत तो बहुत ही खराब है इससे किडनी पर असर पड़ता है। कोरोना संक्रमण काल में यह प्रवृत्ति बिल्कुल ठीक नहीं है बीमार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र अथवा चिकित्सक से संपर्क कर जांच व इलाज कराएं और अपने या अपनों के जीवन से खिलवाड़ न करें बच्चों पर तो यह प्रयोग बिल्कुल न करें।

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