swift sanction | स्विफ्ट सैंक्शन क्या है रुस पर प्रतिबंध
shree desk : जब रूस और यूक्रेन के बीच हालत बहुत ही गंभीर और नाजुक बनी हुई थी और यूक्रेन जब सभी तरफ से संकटों से घिरा हुआ था तभी रूस ने यूक्रेन की मजबूरी का फायदा उठाते हुए रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया और यूक्रेन के सैन्य अड्डों से लेकर एयरपोर्ट पर हवाई हमला कर दिया और एक बात हम आपको और बताते हैं कि यूक्रेन और दूसरे सबसे बड़े शहर खार कि ऐसे के स्थानीय लोगों से जब पूछताछ की गई तो पता चला कि यूक्रेन और रूसी सेनाओं के बीच घमासान युद्ध और गोलीबारी हुई इससे की इमारतों और खिड़कियों का कोई पता ही नहीं और लोगों में दहशत का माहौल फैल गया उसी समय अमेरिका और सभी सहयोगी देशों ने रूस पर कई कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी है अमेरिका और सहयोगी देशों ने आपस में मिलकर रूस के स्विफ्ट सिस्टम पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश शुरू कर दी हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे स्विफ्ट सिस्टम क्या है हम आपको बताते हैं कि स्विफ्ट एक ग्लोबल मैसेजिंग सर्विस है जैसा आपको बताते हैं पूरे विश्व में लगभग 200 देशों में ऐसी हजारों से भी ज्यादा वित्तीय ऐसी संस्थाएं हैं जो स्विफ्ट सिस्टम का इस्तेमाल करती है यह उन सभी देशों के कारोबार में बहुत ही ज्यादा मददगार होता है इससे उन देशों के बैंकों के लिए विदेश नहीं कारोबार करना बहुत ही ज्यादा आसान हो जाता है आइए जानते हैं कि प्रतिबंध क्या है जब कोई कभी देश अपने तेवर हमले जैसा अपनाता है और किसी भी देश पर अपनी कूटनीति यों को अपनाता है और हमला करता है और अंतरराष्ट्रीय कानून को तोड़ता है तब ऐसी परिस्थितियों में प्रतिबंध का इस्तेमाल होता है इसका मतलब है कि सभी अन्य देशों को अपना हमला करने वाले देश पर कड़ा प्रतिबंध लगाना पड़ता है तब विषम परिस्थितियों ने उस देश को सबसे पहले देश की अर्थव्यवस्था को हानि पहुंचाना पड़ता है जी से कि हमलावरों के तेवरों और अंतरराष्ट्रीय कानून को तोड़ने की स्थिति को बंद किया जा सके उस पर स्विफ्ट सिस्टम प्रतिबंध G7 G7 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के संगठन के मेंबर्स ने अपनी सहमति दर्ज की और वीर रूस की यूरोडॉलर सेन पर पाउंड के अंतर्गत व्यवसाय करने की क्षमता पर प्रतिबंध लगाएंगे इसका मतलब यह है कि रूस की जितनी भी क्षमता पर अमेरिका अपना और सभी सहयोगी देश मिलकर कड़ा प्रतिबंध लगा देंगे उसको स्विफ्ट सिस्टम से हटाना यानी कि रूस की वित्तीय क्षमता पर जो प्रतिबंध लगाए जाएंगे उनमें से एक प्रतिबंध होगा ऐसा करने से रूस के बैंकों के लिए विदेशों में कारोबार करने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है क्योंकि जो देश स्विफ्ट सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं उन देशों के बैंकों के लिए विदेशों में कारोबार करना बहुत ही आसान और सरल होता है जिससे कि उनकी सभी अर्थव्यवस्था है भी बहुत अच्छी चलती है जबकि ऐसा करना ही उन देशों पर भी प्रभाव पड़ सकता है जिनकी बैंक को रूसी वित्तीय संस्थाओं से जुड़े हैं जैसे कि अमेरिका जर्मनी देश आदि ।
इतिहास में कब लिया गया स्विफ्ट सिस्टम को अलग करने का निर्णय।
स्विफ्ट सिस्टम को अलग करने का निर्णय आपको बता दें कि इतिहास में 2012 में ईरान के खिलाफ इस प्रतिबंध का इस्तेमाल किया था क्योंकि ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ जब किसी देखकर देश पर प्रतिबंध स्विफ्ट सिस्टम पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई हो ऐसा करने से ही ईरान के तेल से होने वाली बिक्री से आर्थिक अच्छी धन प्राप्ति होती थी उसमें बहुत ज्यादा मात्रा में गिरावट आ गई और इससे ईरान अर्थव्यवस्था काफी नुकसान का सामना करना पड़ा और बहुत ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ा ।शुरू हो चुकी है क्या रूस के स्विफ्ट सैंक्शन हम आपको बता दें रूस की रिपोर्ट के माध्यम से स्विफ्ट सिस्टम को तुरंत अलग नहीं किया जाएगा यानी कि तुरंत सिर्फ सिस्टम अलग से से अलग नहीं किया जाएगा बताने का मतलब यह है ।कि रूस की फाइनेंसियल सिस्टम से शुरुआती प्रतिबंध लगाए जाएंगे मेरे सीमा लगाने की आशंका अभी उतनी नहीं दिखाई जा सकती है।