Kumar Vishwas: अन्ना आंदोलन में करीब आए केजरीवाल व कुमार विश्वास के बाल सखा सिसोदिया अब इनके बीच हो गई है दुश्मनी
चंडीगढ़ : एक समय था जब टीम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सबसे खास सिपहसालार थे कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) और मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia)। सिसोदिया आज दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार में (AAP) उप मुख्यमंत्री हैं। अब सवाल यह है कि आज हम सिसोदिया की चर्चा क्यों कर रहे हैं। बुधवार को पंजाब पुलिस (Punjab Police) कुमार विश्वास के घर पहुंची। उन पर पंजाब चुनाव के समय केजरीवाल पर खालिस्तान से जोड़कर टिप्पणी करने पर मामला दर्ज हुआ है। पंजाब में आप की सरकार है। ऐसे में बात यह हो रही है कि कभी कुमार विश्वास के जिगरी यार रहे मनीष सिसोदिया इस मामले को लेकर चुप क्यों हैं?
कभी बेहतरीन दोस्त थे कुमार और सिसोदिया
कुमार विश्वास और मनीष सिसोदिया कभी बेहद खास दोस्त थे और इनकी दोस्ती राजनीति में आने से पहले की है। कुमार ने एक बाद खुद एक कार्यक्रम में अपनी दोस्ती के बारे में बताया था। उन्होंने बताया कि हमारी दोस्ती उतनी है जितनी हमारी उम्र है। वे बताते हैं कि पहली बार पहली क्लास में मिले थे। एक साथ पढ़ाई पूरी की और एक साथ शादी भी की।
एक बेहद दिलचस्प किस्सा सुनाते हुए कुमार कहते हैं कि जब मेरी बेटी होने वाली थी तब मैं बाहर था। तब मनीष और भाभी मेरी पत्नी को लेकर अस्पताल लेकर गये थे। ऐसे ही जब मनीष को बेटा होने वाला था तब वह असम में था। तब मैं अस्पताल में रहा। ऐसी थी हमारी दोस्ती। कुमार यह भी कहते हैं कि मनीष बहुत कूल रहता है।
केजरीवाल से परिचय कैसे हुआ?
कुमार एक और किस्सा सुनाते हैं जब वे मनीष के साथ अन्ना आंदोलन में थे। वे बताते हैं कि हमे पता चला कि पुलिस हमें गिरफ्तार करने वाली हैं। हमने बात की अगर पुलिस अन्ना को ले जाती है तो आंदोलन को अरविंद लीड करेगी और अगर दोनों हो गए तो कुमार लीड करेंगे। इस पर उन्होंने मनीष से कहा कि अगह हम अच्छा काम कर रहे होते तो मनाली जाते, जेल नहीं। कुमार यह भी बताते हैं कि मनीष और हमने एक साथ घर बनाया था। मनीष को 50 हजार रुपए देने थे। लेकिन उसे पास 35 हजार ही थे। मनीष ने ही मेरा परिचय अरविंद केजरीवाल से कराया था।
क्यों मैं रिश्ते नहीं बेचता’
इतने प्रगाढ़ संबंध होने के बाद दोनों की दोस्ती टूटी कैसे? कुमार विश्वास ने एक यूट्यूबर ऋचा अनिरुद्ध के शो में इस पर खुलकर बोला। वे बताते हैं कि मेरी शादी की सालगिरह थी। बहुत से दोस्त आए थे। मनीष सिसोदिया भी परिवार के साथ थे। सबके जाने के बाद मैंने मनीष से पूछा कि हमारी लड़ाई क्यों हो रही। पहले तो ऐसा नहीं होता था। हमने साथ में पढ़ाई की, शादी की। पार्टी बनाई। तब तक हमारे विचार एक थे। अब अलग क्यों हैं। कुमार ने कहा कि सवाल का जवाब देने के बजाए उसने मुझसे पूछा तू बता कि ऐसा क्यों हो रहा है। मैंने कहा तुम्हारे पास ताकत है शायद इसलिए।
इस पर मनीष ने कहा- यही समझ ले। मेरी पत्नी वहीं खाना खा रही थीं और उसने मेरे दोस्त से कहा कि भाई साहब ताकत तो हमेशा नहीं रहती। इस पर उसने खाना खाते-खाते बोला पर भाभी जी अभी तो है न बस बहुत है। इसके आगे मैंने उससे कुछ नहीं बोला और जब खाने के बाद उसे बाहर छोड़कर आया तो अपनी पत्नी से कहा कि अब ये उसके साथ हमारी आखिरी मुलाकात थी। मुझे दुख हुआ जब मेरे बचपन का दोस्त ने मुझसे इस कदर बात की। कुमार अपनी बात कहते कहते थोड़ा भावुक हो जाते हैं जिस पर शो की होस्ट उनसे कहती हैं कि क्या आपको कष्ट हो रहा है। भारी मन से कुमार कहते हैं कि बहुत ज्यादा कष्ट हो रहा है।
कौन हैं कुमार विश्वास
गुरुवार को जब पंजाब पुलिस कुमार विश्वास के घर पहुंची तो उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘सुबह-सुबह पंजाब पुलिस द्वार पर पधारी है। एक समय मेरे द्वारा पार्टी में शामिल कराए गए भगवंत मान को आगाह कर रहा हूं कि तुम दिल्ली में बैठे जिस आदमी को पंजाब के लोगों की दी हुई ताकत से खेलने दे रहे हो, वो एक दिन तुम्हें और पंजाब को भी धोखा देगा। देश मेरी चेतावनी याद रखे।
डॉ कुमार विश्वास कभी आम आदमी पार्टी के सक्रिय सदस्य थे। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से आप के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। लेकिन राहुल गांधी से हार गए। वे एक प्रोफेसर, कवि और राजनेता हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के पिलखुवा में एक ब्राह्मण परिवार में 10 फरवरी को हुआ था। उन्होंने लाला गंगा सहाय स्कूल, पिलखुवा से अपनी स्कूली पढ़ाई-लिखाई पूरी की। उन्होंने राजपूताना रेजिमेंट इंटर कॉलेज, पिलखुवा से अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी की। हिंदी साहित्य में परास्नातक और पीएचडी किया।